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कितने सिबिल स्कोर पर मिल जाता है लोन

अगर आप भी सिबिल स्कोर पर लोन लेना चाहते हैं तो आपको पता है कि कितने सिबिल स्कोर पर आपको लोन मिल सकता है अगर आप भी यह बात नहीं जानते तो आइए हम आपको बताते हैं
 
कितने सिबिल स्कोर पर मिल जाता है लोन

Haryana Update : अगर आपने पहले कभी Loan लिया है या Loan लेने वाले हैं, तो CIBIL Score की अहमियत के बारे में आपको पता ही होगा. CIBIL Score को Credit Score भी कहा जाता है. CIBIL Score देखकर ही Bank ये तय करते हैं कि व्‍यक्ति को Loan दिया जाना चाहिए या नहीं. CIBIL Score 300 से 900 के बीच होता है. आमतौर पर 750 या इससे ऊपर के CIBIL Score को अच्‍छा माना जाता है. लेकिन क्‍या आप ये जानते हैं कि आपका CIBIL Score कैलकुलेट किस आधार पर किया जाता है और कौन इसे तैयार करता है? आइए बताते हैं-

Loan Repayment हिस्ट्री

अगर आपने पहले कभी Loan लिया है या आप Credit Card का Use करते हैं, तो इनकी Repayment History को देखा जाता है. यानी आप समय पर EMI का भुगतान करते हैं या नहीं, इससे आपके CIBIL Score प्रभावित होता है. समय से Loan की ईएमआई देने से आपका CIBIL Score बढ़ता है और न देने से ये घटता है. 

Credit History 

आप जब पहली बार Loan लेते हैं या Credit Card लेते हैं, तभी से आपकी Credit History बननी शुरू हो जाती है. CIBIL Score तैयार करते समय आपकी Credit History को भी देखा जाता है. आपकी Credit History कितनी पुरानी है और आपने पहले भी Loan लेने के बाद या Credit Card के Use के बाद समय से भुगतान किया है या नहीं, ये सभी चीजें देखी जाती हैं. इस Credit History का असर भी आपके CIBIL Score पर पड़ता है.

Credit यूटिलाईज़ेशन रेश्यो

आपके पास जितनी Credit लिमिट है उसका जितना प्रतिशत आप उपयोग करते हैं, उतना ही आपका Credit यूटिलाईज़ेशन रेश्यो होता है. Credit Card की जितनी भी लिमिट है, उसकी 30 % तक का ही Use करें. बहुत ज्‍यादा बड़ी खरीद Credit Card से करने से बचें. ज्‍यादा  Credit यूटिलाईज़ेशन रेश्यो ये दिखाता है कि आपकी Credit Card पर निर्भरता बहुत ज्‍यादा है. इससे आपका CIBIL Score प्रभावित होता है. 

Credit MIx

आपने कितने अनसिक्‍योर्ड Loan और कितने सिक्‍योर्ड Loan पहले लिए हैं, इससे आपका Credit MIx सामने आता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपने पहले अन-सिक्योर्ड Loan जैसे पर्सनल लोन, Credit Card वगैरह कई बार लिए हैं, तो ये दर्शाता है कि आपके पास फंड की कमी है और Credit पर आपकी निर्भरता बहुत ज्‍यादा है. इससे आपके CIBIL Score पर बुरा असर पड़ता है. वहीं अगर आप जरूरत पड़ने पर सिक्‍योर्ड और अनसिक्‍योर्ड दोनों तरह के Loan लेते रहे हैं, और सभी का भुगतान समय पर किया है, तो ये दिखाता है कि आप हर तरह के Loan को मैनेज करने में समर्थ हैं. ऐसे में आपका Credit MIx संतुलित रहता है और आपका CIBIL Score बेहतर होता है. यही वजह है कि ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट अनसिक्‍योर्ड Loan ज्‍यादा बार लेने के लिए मना करते हैं.

अन्‍य वजह

इनके अलावा भी कुछ और चीजों से आपके CIBIL Score को कैलकुलेट किया जाता है जैसे-आपकी Credit रिपोर्ट में गलत जानकारी, आपने पहले कभी Loan सेटलमेंट किया है, आप किसी के Loan के गारंटर हैं और उसका भुगतान नहीं हो रहा है आदि. इन सभी का भी आपके CIBIL Score पर भी प्रभाव पड़ता है और इससे आपका स्‍कोर खराब हो सकता है.

कौन तैयार करता है CIBIL Score

तमाम Credit ब्‍यूरो CIBIL Score को जारी करते हैं. इनमें ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीआरआईएफ हाईमार्क जैसी Credit इंफर्मेशन कंपनियों को प्रमुख माना गया है, इन कंपनियों को लोगों के वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने, इसे मेंटेन करने और इस डेटा के आधार पर Credit रिपोर्ट / Credit Score जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है. ये Credit ब्‍यूरो Bank और अन्य फाईनेंस संस्थान के पास जमा ग्राहक के डेटा जैसे बकाया Loan राशि, पुनर्भुगतान रिकॉर्ड, नए Loan / Credit Card के लिए आवेदन और अन्य Credit संबंधी जानकारी आदि को लेकर उनका मूल्‍यांकन करते हैं और उसके आधार पर CIBIL Score को तैयार करते हैं. 

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