SBI और PNB समेत इन 4 बैंक ग्राहकों अब इतना रखना पड़ेगा मिनिमम बैलेंस!

Mininum balance in bank account (Haryana Update) : एसबीआई सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है, जबकि एचडीएफसी बैंक निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकों में से एक है। इन बैंकों समेत पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों के लिए एक बड़ा अपडेट आया है, जिसमें इन बैंक ग्राहकों को बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस (न्यूनतम बैलेंस नए नियम) बनाए रखने के लिए अलर्ट किया गया है। अब जिन लोगों के एसबीआई, पीएनबी, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक में खाते हैं, उन्हें बैंक द्वारा निर्धारित अपने बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है। इसकी पूरी जानकारी आप खबर में जान सकते हैं।
जीरो बैलेंस अकाउंट का महत्व-
कुछ बैंकों में आप बिना किसी मिनिमम बैलेंस के भी खाता खोल सकते हैं। ऐसे खातों को जीरो बैलेंस अकाउंट कहते हैं, जिसमें बैलेंस न होने पर भी अकाउंट चालू रहता है (सेविंग अकाउंट मिनिमम बैलेंस लिमिट) और कोई पेनाल्टी नहीं लगती। हालांकि, समय-समय पर अकाउंट से ट्रांजेक्शन करना जरूरी होता है, ताकि बैंक को समझ में आए कि आप अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। जीरो बैलेंस अकाउंट में अकाउंट होल्डर को कोई खास रकम मेंटेन करने की जरूरत नहीं होती।
मिनिमम बैलेंस रखना क्यों जरूरी है-
अगर आपका बैंक अकाउंट बिना किसी शुरुआती रकम के खुला है, तो आपको अकाउंट में एक तय रकम रखनी जरूरी है। यह रकम हर बैंक के हिसाब से अलग-अलग होती है। अगर आप वह रकम मेंटेन नहीं करते हैं, तो बैंक आपसे फीस (मिनिमम बैलेंस पर पेनाल्टी) वसूल सकता है। फीस और रकम का निर्धारण बैंक की नीतियों पर निर्भर करता है और अलग-अलग बैंकों में यह अलग-अलग हो सकता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपको इन नियमों का पालन करना होगा, नहीं तो आपको पेनाल्टी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मिनिमम बैलेंस नियम-
अगर आपका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अकाउंट है, तो अब आपको हर महीने एक तय रकम मेंटेन करने की जरूरत नहीं है। पहले यह जरूरी था कि खाताधारक को 3 हजार, 2 हजार या 1 हजार रुपये (एसबीआई में न्यूनतम बैलेंस सीमा) मेंटेन करना होता था, लेकिन हाल ही में इस नियम को खत्म कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब खाताधारकों को महीने का न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करने की बाध्यता नहीं है। एसबीआई ने अपने ग्राहकों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया है।
पीएनबी में क्या है न्यूनतम बैलेंस सीमा-
पंजाब नेशनल बैंक ने विभिन्न जगहों पर ग्राहकों के लिए न्यूनतम बैलेंस सीमा तय कर दी है। शहरी इलाकों में यह रकम 10 हजार रुपये पर स्थिर रखी गई है, जबकि ग्रामीण और उपनगरीय इलाकों में इसे घटाकर 1 हजार रुपये (पीएनबी में न्यूनतम बैलेंस सीमा) कर दिया गया है। बैंक ने ग्राहकों को एक तय रकम रखकर खाता चलाने की सलाह दी है। इसके तहत उपनगरों और गांवों में कम रकम रखने की छूट है, लेकिन शहरों में सबसे ज्यादा सीमा तय की गई है।
आईसीआईसीआई बैंक का न्यूनतम बैलेंस नियम-
आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने की सीमा तय कर दी है। शहरी इलाकों में यह रकम 10,000 रुपये तय की गई है। वहीं, उपनगरीय क्षेत्रों में यह सीमा 5,000 रुपये (ICICI में न्यूनतम शेष सीमा) निर्धारित की गई है। ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके खाते में न्यूनतम राशि बनी रहे, ताकि खाता बिना किसी समस्या के सक्रिय और चलता रहे। बैंक ने इस व्यवस्था के तहत सेवाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की है।
एचडीएफसी बैंक में न्यूनतम शेष सीमा -
एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए एक निश्चित राशि बनाए रखने की नीति अपनाई है। शहरी क्षेत्रों में इसे अधिकतम 10,000 रुपये रखा गया है, जबकि उपनगरीय शाखाओं में यह राशि घटाकर 2,500 रुपये (एचडीएफसी में न्यूनतम शेष सीमा) कर दी गई है। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखें, ताकि उनका खाता सक्रिय रहे। बैंक की सेवाओं को बेहतर और सुचारू बनाने के लिए यह व्यवस्था की गई है, ताकि ग्राहकों को किसी तरह की परेशानी न हो।
केनरा बैंक में न्यूनतम शेष सीमा -
केनरा बैंक में भी खाताधारकों को हर महीने न्यूनतम राशि बनाए रखना जरूरी है। बैंक के नियमों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 2000 रुपये, अर्ध-शहरी शाखाओं में 1000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 500 रुपये (केनरा बैंक में न्यूनतम शेष सीमा) की राशि बनाए रखना अनिवार्य है। ये नियम सभी खातों पर लागू होते हैं। अगर खाताधारक यह राशि नहीं रखते हैं, तो बैंक उनसे शुल्क ले सकता है। अलग-अलग क्षेत्रों के लिए न्यूनतम राशि उनके स्थान और बैंक नीतियों के अनुसार निर्धारित की गई है।
न्यूनतम बैलेंस न रखने पर इतना जुर्माना लगता है-
कई बैंकों में खाता खोलने पर न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होता है, जिसे न रखने पर शुल्क (न्यूनतम बैलेंस मेंटेनेंस) लिया जाता है। भारतीय स्टेट बैंक ने इस नियम को खत्म कर दिया है और इसलिए अब वहां कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। हालांकि, ऐसा न करने पर अन्य बैंक अतिरिक्त शुल्क या जुर्माना लगा सकते हैं।अपने खाते में आवश्यक शेष राशि बनाए रखें। हर बैंक के अपने न्यूनतम शेष राशि नियम होते हैं, इसलिए खाताधारकों को उनका ध्यान रखना चाहिए।