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Nitin Gadkari ने दी जानकारी, पूरे देश में टोल व्यवस्था खत्म, अब फास्टैग नहीं करेगा काम

Fastag News: टोल की लागत वाहन की दूरी पर निर्भर करेगी। यह सब जीपीएस से जुटाया जाएगा। वर्तमान में हर प्लाजा पर टोल शुल्क निर्धारित है, वाहन की दूरी की परवाह किए बिना।

 
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Haryana Update: आपको बता दें, की जब आप हाईवे पर चलते हैं तो आपको टोल टैक्स देना पड़ता है और इसके लिए पहले कैश का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन सरकार ने फास्टैग की शुरुआत की, जो लोगों को समय और पैसा बचाता था, अब हाईवे पर फास्टैग जल्द ही इतिहास बन जाएगा क्योंकि भारत एक नए टोल कलेक्शन सिस्टम में बदलने जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि टोल बैरियरों का स्थान सैटेलाइट-बेस्ड टोल कलेक्शन लेगा, जो व्हीकल से टोल संकलन के लिए GPS और कैमरे का उपयोग करेगा। गडकरी ने कहा कि नवीन टोल कलेक्शन प्रणाली इस साल गर्मी तक शुरू होने की उम्मीद है। वर्तमान में, इसका परीक्षण करने के लिए एक पायलट रन चल रहा है जो नए GPS-बेस्ड टोल कलेक्शन पर आधारित है।

New Toll Collection System सीधे कार मालिक के बैंक खाते से पैसा काट लेगा। टोल की लागत वाहन की दूरी पर निर्भर करेगी। यह सब जीपीएस से जुटाया जाएगा। वर्तमान में हर प्लाजा पर टोल शुल्क निर्धारित है, वाहन की दूरी की परवाह किए बिना।

बुधवार (27 मार्च) को गडकरी ने मंत्री को बताया कि नई टोल टैक्स प्रणाली कैसे समय और ईंधन बचाने में मदद करेगी। उनका कहना था कि पहले मुंबई से पुणे जाने में 9 घंटे लगते थे, लेकिन अब 2 घंटे लगते हैं। इससे सात घंटे डीजल बचता है। बदले में हमें स्वाभाविक रूप से कुछ पैसे देने होंगे। हम इसे सरकारी-निजी निवेश के माध्यम से कर रहे हैं। इसलिए हमें भी धन लौटाना होगा। गडकरी ने पहले कहा था कि नई व्यवस्था को दो स्थानों पर पहले ही टेस्ट किया गया है।

कलेक्शन अभी कैसे चल रहा है?
वर्तमान में, राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा फास्टैग नामक RFID (Radio-frequency identification) तकनीक के माध्यम से टोल टैक्स वसूलते हैं। 15 फरवरी 2021 से यह अनिवार्य टोल कलेक्शन सिस्टम बन गया। बैरियर पर लगे कैमरे वाहनों की फास्टैग आईडी को पढ़ते हैं और दूरी के आधार पर शुल्क लेते हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) टोल शुल्क वसूलता है।

ऐसा होगा न्या सिस्टम: नया सिस्टम अब प्रत्येक वाहन से तय की गई दूरी पर GPS-बेस्ड डेटा का उपयोग करके टोल टैक्स कलेक्शन सिस्टम को सुधारने की योजना बना रहा है।

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