Haryana Update: दिल्ली मेट्रो ने पिछले दो दशक में राजधानी का सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बदल दिया है। यही कारण है कि आज भी मेट्रो का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो हर दिन 55 से 60 लाख लोगों को ट्रैफिक जाम से बचाकर कम समय में सुरक्षित स्थानांतरित करता है। दिल्ली के हर कोने में रहने वाले लोग चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में मेट्रो आ जाए ताकि आसानी से आवाजाही हो सके। नई मेट्रो लाइनों के बनने से यहां तक कि जो लोग मेट्रो से सफर नहीं करते हैं, उन्हें भी कई अन्य लाभ मिलेंगे। जैसे-जैसे नया मार्केट विकसित होता है, संपत्ति की कीमतें बढ़ती हैं और क्षेत्र को एक नया नाम मिलता है। दिल्ली मेट्रो का चौथा चरण, या फेज-4, आजकल चालू है।
दूसरा सबसे छोटा नगर पालिका फेज
फेज-1 के बाद फेज-4 सबसे छोटा फेज होगा, जो दिल्ली मेट्रो का दूसरा सबसे छोटा फेज होगा। साथ ही, स्टेशनों की संख्या में यह अब तक का सबसे छोटा फेज होगा। फेज-1 में तीन मेट्रो कॉरिडोर्स पर 59 मेट्रो स्टेशन बनाए गए, जो 64.75 किमी लंबे हैं। साथ ही, फेज-4 में तीन मेट्रो कॉरिडोर्स (65.19 किमी) पर 46 नए मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं। फेज-4 के तीन कॉरिडोरों में से दो पहले से चल रहे मजेंटा और पिंक लाइन को निकालकर बनाए जा रहे हैं, जबकि एक पूरी तरह से नया कॉरिडोर सिल्वर लाइन के रूप में बनाया जा रहा है। पिंक लाइन के विस्तार से दिल्ली में पहली बार रिंग रोड की तरह एक पूरा मेट्रो रिंग बनाया जाएगा। वहीं, विस्तार के बाद मजेंटा लाइन मेट्रो की दूसरी सबसे लंबी लाइन बन जाएगी, ब्लू लाइन को पीछे छोड़कर। सिल्वर लाइन भी एयरपोर्ट तक पहुँच को सुविधाजनक बनाएगी।
मेट्रो नीचे दौड़ेगी
इस चरण में दिल्लीवासियों को पहली बार मेट्रो के दो-डेकर सेक्शन भी देखने को मिलेगा. ये सेक्शन एक ही निर्माण पर मेट्रो को सबसे ऊपर ले जाएगा, उसके नीचे फ्लाईओवर होगा और सबसे नीचे मुख्य सड़क होगी। पुरानी दिल्ली के सदर बाजार, नबी करीम और पुल बंगश जैसे घने इलाकों से मेट्रो एक बार फिर मजेंटा लाइन से गुजरेगी। साथ ही, पांचवां मेट्रो पुल यमुना पर बनाया जा रहा है. इस पुल से पिंक लाइन मेट्रो उत्तरी दिल्ली से उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जाती है। 46 नए मेट्रो स्टेशनों में से 18 अंडरग्राउंड होंगे, जबकि अन्य एलिवेटेड होंगे। 11 नए इंटरचेंज स्टेशनों से एक कोने से दूसरे कोने तक जाना आसान होगा। आजादपुर मेट्रो नेटवर्क का दूसरा ट्रिपल इंटरचेंज स्टेशन कश्मीरी गेट (रेड, येलो और वॉयलेट लाइन) होगा. इस स्टेशन पर तीन अलग-अलग लाइनें (येलो, पिंक और मजेंटा) मिलेंगी।
यात्रियों को कई सुविधाएं मिलेंगी।
फेज-4 के नए मेट्रो स्टेशनों पर 179 लिफ्टें और 323 एस्केलेटर्स भी लगाए जा रहे हैं। इस बार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैवी ड्यूटी वाली नई लिफ्टें लगाई जा रही हैं, जिनमें 20 यात्री एक साथ आ सकते हैं. ये लिफ्टें स्वदेश में बनाई गई हैं। लिफ्ट में पहली बार यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी होंगे। फेज-3 और फेज-4 की लाइनों पर ड्राइवरलेस मेट्रो भी चलेंगे। साथ ही, इस बार सभी अंडरग्राउंड स्टेशनों पर पूर्ण हाइट वाले प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर एयरपोर्ट लाइन की तरह होंगे, जबकि एलिवेटेड लाइनों के सभी स्टेशनों पर हाफ हाइट वाले प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर होंगे। मजेंटा और पिंक लाइन पर अभी दो-दो टनल बोरिंग मशीनों से खुदाई का काम चल रहा है, जो अंडरग्राउंड सेक्शन का निर्माण करेंगे। टनल निर्माण के दौरान अत्याधुनिक यंत्रों का उपयोग वाइब्रेशन से सतह पर बनी इमारतों को नुकसान नहीं पहुंचाता।