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Property खरीदने से पहले जान लें ये बात, आपके साथ भी हो सकता है धोखा

Chhattisgarh News: आपको बका दें, की नगरपालिका और नगर पालिका योजना विभाग के अधिकारियों को शिकायतों का इंतजार है। नपा के सीएमओ चंदन शर्मा ने बताया कि कॉलोजाइनर्स वर्तमान में एक विंडो सुविधा पा रहे हैं। NOCC सभी दस्तावेजों को ओके होने पर नपा से भेजा जाता है। आप रेरा से शिकायत कर सकते हैं अगर बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलती हैं, जानिए पूरी डिटेल। 

 
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Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की जिला मुख्यालय में बनाए गए कई रहवासी कॉलोनियों में सुविधाओं का अभाव है। रहवासियों को सड़क, नाली, सड़क प्रकाश और पानी जैसे मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिली हैं।

केवल रजीस्ट्री करने से Property का मालिक नहीं बना जा सकता, हो जाये सावधान

पिछले एक से डेढ़ दशक में, जिला मुख्यालय और इससे लगे गाँवों में दर्जनों आवासीय कॉलोनियां बनाई गईं। इनमें, कॉलोनाइजर्स ने खरीददारों को प्लाट बेचते समय नेताओं की तरह लोगों को लुभाने वाले वादे जरूर किए, लेकिन समय गुजरने पर भी वे उन सुविधाओं को देने में रुचि नहीं दिखाई। प्लाट खरीदने वाले लोगों ने जमापूंजी लगाकर मकान बनाकर रहना शुरू कर दिया, लेकिन वर्षों बाद भी इन कॉलोनियों की हालत गांवों की गलियों से भी बदतर है।

एक परियोजना के नाम पर कॉलोनी बनाने का चल रहा खेल
यही नहीं, कालोनाइजरों द्वारा विकसित कॉलोनियों के पीछे की जमीनों को लेकर भी कॉलोनियों पर कॉलोनी बनाने का खेल चल रहा है। कालोजाइनर्स पहले एक परियोजना को अप्रूवल करा लेते हैं और फिर उसे कई एकड़ तक विस्तार देते हैं। इसके लिए न तो रेरा से पंजीयन किया जा रहा है, न किसी तरह की कॉलोनी के नाम पर अप्रूवल।

नगरपालिका और नगर पालिका योजना विभाग के अधिकारियों को शिकायतों का इंतजार है। नपा के सीएमओ चंदन शर्मा ने बताया कि कॉलोजाइनर्स वर्तमान में एक विंडो सुविधा पा रहे हैं। NOCC सभी दस्तावेजों को ओके होने पर नपा से भेजा जाता है। आप रेरा से शिकायत कर सकते हैं अगर बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। यदि निर्माण निर्धारित क्षेत्र से अधिक क्षेत्र में हो रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

गाइडलाइन में 30 सुविधाएँ
आपको बता दें, की निजी कॉलोनी में बाह्य 21 और आंतरिक 19 बुनियादी सुविधाएं होती हैं। लेकिन शहर की अधिकांश कॉलोनियों में सड़क और नाली के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। शहर की सीमा पार गांव में बस चुकी कॉलोनी। पार्षदों ने वोट बैंक की राजनीति करते हुए स्थानीय निवासियों को अपने-अपने वार्डों में लाया। उन्हें उनके वार्ड का नाम दिया गया था। नगर पालिका प्रशासन ने पार्षदों को मतदान करने के लिए ग्राम पंचायत की जमीन पर सीसी रोड़ भी बनाया।

रेरा में पंजीयन की आवश्यकता 
नगरपालिका क्षेत्र की सीमाओं से लगे आउटरों में अवैध प्लाटिंग का खेल और इस तरह की कॉलोनी आजकल आम हैं। यहां खेती की जमीन को टुकड़ों में बांटकर खरीद-फरोख्त का कारोबार तेजी से विकसित हो रहा है। रेरा अधिनियम 2016 की धारा 3 के तहत राज्य में सभी रियल एस्टेट परियोजनाओं को रेरा प्राधिकरण में पंजीकृत करना अनिवार्य है। धारा 9 में भी रियल एस्टेट एजेंट का पंजीयन जरूरी किया गया है जो बिल्डर्स की नई संपत्ति ग्राहकों को बेचते हैं।

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