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बिहार के जमीन मालिकों के लिए अहम सूचना

Bihar News: गौरतलब है कि सूबे में किसी अंचल से आसानी से दाखिल खारिज करा लेना आसान काम नहीं है। राजस्व कर्मचारी बिना रिश्वत के दाखिल खारिज करते ही नहीं हैं! एक तरह से बिना चढ़ावा दाखिल-खारिज संभव ही नहीं है।
 
बिहार के जमीन मालिकों के लिए अहम सूचना

Haryana Update: यह सर्वविदित है। विभाग भी इस बात से भलीभांति वाकिफ है। यही कारण है कि आमजन को नजराना से राहत दिलाने के लिए विभाग के स्तर से कई कदम उठाए जा चुके हैं। फिर भी हालात में कोई सुधार नहीं है। लोग आर्थिक शोषण के शिकार हो ही रहे हैं।

समीक्षा में यह बात आई सामने-
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने 8 मई को डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि दाखिल खारिज आवेदनों की समीक्षा के क्रम में यह पता चला है कि आवेदनों पर कर्मचारियों द्वारा किसी भी प्रकार की आपत्ति लगने पर बिना आवेदक का पक्ष सुने अंचल अधिकारी आवेदन को अस्वीकृत कर देते हैं।

अगर एक बार दाखिल खारिज का आवेदन अस्वीकृत हुआ तो आवेदक को डीसीएलआर के कोर्ट में अपील में जाना पड़ता है, जबकि कई बार कोई दस्तावेज छूट जाने के कारण भी आवेदन को सीधे रद्द कर दिया जाता है।

बिना पक्ष जाने आवेदन खारिज न करें-
राजस्व विभाग के संज्ञान में यह बात सामने आई है कि राजस्व कर्मचारी समेत अन्य के द्वारा बिना किसी ठोस कारण के दाखिल-खारिज के आवेदन को रद्द कर दिया जाता है। सूबे में रद्द वाले आवेदनों की संख्या बड़ी संख्या में है। इसे विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने गंभीरता से लिया है और सभी प्रमंडलीय आयुक्त और डीएम को पत्र लिखकर इस ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया है।

एसीएस ने लिखा है कि दाखिल खारिज आवेदनों को अस्वीकृत करने से पहले आवेदक का पक्ष जरूर सुना जाए। उसके बाद ही रद्द करने के बिंदु पर निर्णय लिया जाए।


 

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