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Fastag से इस तरह कंपनियां काट रहीं यात्रियों की जेब! ये 4 बैंक है सबसे आगे

Fastag Scam : देश में बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी 12 प्रमुख कंपनियां ग्राहकों को फास्टैग की सेवाएं देती हैं। इसमें आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास सबसे ज्यादा फास्टैग यूजर हैं। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और एक्सिस बैंक का नंबर आता है। एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा के दौरान वाहनों पर लगे फास्टैग के जरिए शुल्क काटने में अनियमितता की शिकायतें बढ़ रही हैं।
 
Fastag Scam
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Fastag Scam (Haryana Update) : देश में बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी 12 प्रमुख कंपनियां ग्राहकों को फास्टैग की सेवाएं देती हैं। इसमें आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास सबसे ज्यादा फास्टैग यूजर हैं। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और एक्सिस बैंक का नंबर आता है। एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा के दौरान वाहनों पर लगे फास्टैग के जरिए शुल्क काटने में अनियमितता की शिकायतें बढ़ रही हैं।

नवंबर 2024 में फास्टैग सेवा देने वाली कंपनियों को ग्राहकों की शिकायतों के बाद 1.28 लाख रुपये से ज्यादा वापस करने पड़े। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों के दौरान शुल्क की गलत कटौती के मामले बढ़े हैं, जिसके कारण ग्राहक लिखित शिकायत कर रिफंड की मांग कर रहे हैं। 

पिछले साल सितंबर से नवंबर के बीच 4.29 लाख से ज्यादा मामलों में पैसा वापस करना पड़ा था। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) फास्टैग से जुड़े लेन-देन पर नजर रखता है। फास्टैग सेवा देने वाली कंपनियां ग्राहकों की शिकायतों का किस तरह समाधान कर रही हैं और कितनी शिकायतों की जांच कर गलत तरीके से काटी गई राशि वापस की जा रही है, इन सब पर एनपीसीआई की नजर रहती है।

आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2024 में फास्टैग सेवा प्रदाता कंपनियों ने टोल कटौती से जुड़ी सबसे ज्यादा 1.73 लाख शिकायतें स्वीकार कीं। उन्होंने माना कि काटे गए शुल्क में गलती थी। इसलिए उनसे संबंधित राशि शिकायतकर्ताओं को वापस कर दी गई। उसके बाद इसमें थोड़ी कमी आई है, लेकिन एनपीसीआई से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अब भी हर महीने फास्टैग से कटी राशि से जुड़े 1.25 लाख से ज्यादा मामलों में ग्राहकों को राशि वापस करनी पड़ रही है।

कुछ शिकायतें इस तरह हैं-
1. गाड़ी घर पर खड़ी थी, लेकिन हाईवे या एक्सप्रेसवे पर यात्रा दिखाकर टोल कट गया।

2. 50-60 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद एक्सप्रेसवे पर बाहर निकलने का शुल्क कट गया। कई मामलों में अधिक किलोमीटर की यात्रा दिखाकर अधिक शुल्क काट लिया गया।

3. नेशनल हाईवे पर आने-जाने का सफर 24 घंटे में पूरा हो गया, लेकिन लौटते समय टोल में छूट का लाभ नहीं दिया गया।

4. फास्टैग एक्टिवेट होने के बाद भी टोल प्लाजा पर फास्टैग वॉलेट से दोगुना शुल्क कट गया।

सबसे ज्यादा मामले चार बैंकों से जुड़े हैं-
देश में बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी 12 बड़ी कंपनियां ग्राहकों को फास्टैग सेवा मुहैया कराती हैं। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में फास्टैग यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और एक्सिस बैंक का नंबर आता है। आंकड़ों से पता चलता है कि शिकायतों के बाद पैसे वापस मिलने के मामले भी इन्हीं बैंकों में सबसे ज्यादा हैं।

कैसे करें शिकायत?
अगर यात्रा के दौरान आपसे तय राशि से ज्यादा टोल शुल्क काटा गया है तो आप एनएचएआई के हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही संबंधित कंपनी की हेल्पलाइन और कस्टमर सपोर्ट के लिए जारी मेल आईडी पर भी शिकायत दर्ज कराएं। इसके साथ ही आप एनपीसीआई के https://www.npci.org.in/register-a-complaint सेक्शन में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

सोशल मीडिया पर लोग कर रहे हैं शिकायत-
1. बुधवार को सोशल मीडिया यूजर वरुण अनंत ने लिखा कि 1 जनवरी को मेरे फास्टैग से अनाधिकृत रूप से पैसे कट गए, जिसकी शिकायत मैंने एचडीएफसी बैंक से की, लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके जवाब में एचडीएफसी बैंक ने फिर वरुण से विस्तृत जानकारी मांगी।

2. सोशल मीडिया यूजर राहुल कुमार ने बुधवार को लिखा कि हाईवे पर यात्रा करते समय मेरे फास्टैग से दो बार पैसे कट गए, जिसकी उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्रांजेक्शन नंबर और बैंक आईडी भी शेयर की, लेकिन एक घंटे बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।