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Home Loan Tips : होम लोन लेने से पहले जान लीजिए नियम और शर्तें

अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जानना जरूरी है बैंकों ने हाल ही में एक ऐलान किया है होम लोन लेने से पहले बैंक कई तरह के चार्ज वसूलत है इसलिए आपको पहले इनकी नियम और शर्तें जरूर जान लेनी चाहिए
 
Home Loan Tips : होम लोन लेने से पहले जान लीजिए नियम और शर्तें

Haryana Update : अपना Home हर किसी का सपना होता है। लेकिन Home लेना एक काफी बड़ा खर्चा है। अधिकतर लोगों के जीवन की यह सबसे बड़ी खरीदारी होती है। ऐसे में लोग Home Loan का सहारा लेते हैं। Home Loan सबसे लंबी अवधि वाला Loan होता है।

इसलिए इसमें आपको लॉन्ग टर्म में भारी-भरकम Interest अदा करना होता है। Home Loan लेते समय ग्राहकों को कई सारी बातों का ध्यान रखना चाहिए। Home Loan के साथ लगने वाले चार्जेज भी इनमें से एक हैं। बैंक Home Loan के साथ कई तरह के अलग-अलग चार्जेज लेते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

Application फीस-
यह आपके Home Loan आवेदन की प्रोसेसिंग के लिए ली जाती है। चाहे आपको Loan मिले या न मिले, यह fees लगती ही है। यह fees रिंफडेबल नहीं होती है। अगर किसी बैंक या एनबीएफसी में आप Loan आवेदन जमा कर देते हैं और इसके बाद आपका इरादा बदल जाता है, तो आपकी Application fees बर्बाद हो जाएगी। इसलिए एप्लीकेशन देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको किस बैंक या एनबीएफसी से Loan लेना है।

एप्लिकेशन fees को Loan Application के साथ ही एडवांस में लिया जाता है। हालांकि, कुछ बैंक इस fees के एक हिस्से को Loan Application के साथ अदा करने और बाकी को Loan मिलने से पहले देने की सुविधा देते हैं। यह fees या तो फ्लैट होती है या Loan के पर्सेंटेज के रूप में, इसका निर्धारण वित्तीय संस्थान या बैंक करता है। अगर बैंक चाहे तो इस fees को माफ भी कर सकता है। आप इसके लिए बैंक से पूछ सकते हैं।

लीगल फी-
बैंक या NBFC आमतौर पर प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति की छानबीन के लिए बाहरी वकीलों को हायर करते हैं। इसके लिए वकील जो fees लेते हैं, वह वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से वसूलते हैं। लेकिन, अगर इस प्रॉपर्टी को संस्थान ने पहले ही कानूनी रूप से मंजूरी दे दी है तो यह चार्ज नहीं लगता है। आपको संस्थान से पता करना चाहिए कि जिस प्रॉजेक्ट में आप निवेश करने जा रहे हैं, कहीं उसको पहले से मंजूरी मिली तो नहीं है। इस तरह से आप लीगल fees बचा सकते हैं।

प्रीपेमेंट पेनाल्टी-
प्रीपेमेंट का मतलब है कि Loan धारक पूरा या बाकी Loan अवधि समाप्त होने से पहले ही जमा कर देता है। इससे बैंक को Interest Rate का नुकसान होता है, इसलिए कुछ हद तक इस नुकसान की भरपाई के लिए बैंक पेनल्टी लगाते हैं। अलग-अलग बैंकों में ये चार्ज अलग होते हैं।

मॉर्गिज डीड फीस-
यह fees Home Loan का चुनाव करते समय लगती है। आमतौर पर यह Home Loan के पर्सेंटेज के रूप में होती है और Loan लेने के लिए अदा की जाने वाली कुल fees राशि का यह एक बड़ा हिस्सा होती है। कुछ संस्थान Home Loan प्रॉडक्ट को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इस चार्ज को माफ कर देते हैं।


कमिटमेंट फीस-
कुछ बैंक या NBFC Loan की प्रोसेसिंग और मंजूरी हो जाने के बाद एक निर्धारित टाइम लिमिट में Loan नहीं लेने की स्थिति में कमिटमेंट fees वसूलते हैं। यह एक ऐसी fees है जो अवितरित Loan पर वसूली जाती है। यह fees आमतौर पर मंजूर और वितरित राशि के बीच अंतर के एक फीसदी के रूप में वसूला जाता है। 

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