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High Court ने किराए के मकानो में रहने वालों लोगो के लिए की बड़ी घोषणा

जिन लोगों के पास खुद का घर नहीं है वह लोग किराए के मकान में रहते हैं कुछ लोग काम की तलाश में शेरों की तरफ निकल जाते हैं और मकान रेंट पर लेकर रहने लगते हैं कई बार मकान मालिक अपनी मनमानी चलता है और किराएदार की मजबूरी का फायदा उठा लेता है ऐसे में कोर्ट ने बड़ा ऐलान किया है जानिए

 
High Court ने किराए के मकानो में रहने वालों लोगो के लिए की बड़ी घोषणा 

Haryana Update : कभी भी वो किराए दारों को किराया बढ़ाने के लिए कह देते हैं या फिर अचानक से घर खाली करने के लिए बोल देते हैं। ऐसे में किराए दारों को परेशान होना पड़ता है। ऐसे ही एक मामले में हाईकोर्ट की ओर से महत्वपूर्ण फैसला दिया गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से किराए दारों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं घर मालिकों की मनमर्जी पर लगाम लगेगी।

घर मालिक और किराएदार का विवाद अक्सर सुर्खियों में रहता है. इससे संबंधित पटना हाईकोर्ट ने एक जरूरी फैसला सुनाया है. इसे किराए दारों के पक्ष में कहा जा सकता है. इस ऐलान में हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि घर मालिक असमाजिक तत्वों की मदद से किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता है. 

मामला क्या है-

बता दें कि याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि 24 फरवरी, 2022 की आधी रात में घर मालिक ने असामाजिक तत्वों की सहायता से जबरन कंपनी के आफिस को खाली करा दिया और परिसर में ताला जड़ दिया था. इसके बाद पीड़ित ने Police से शिकायत की. लेकिन पुलिस ने किराएदार की शिकायत पर एक्शन न लेकर घर मालिक का साथ दिया था.

जबरन बेदखल नहीं सकते बेदखल-

मामला Patna हाईकोर्ट में एक Case के सुनवाई का है. इस केस को लेकर हाईकोर्ट ने किराएदार को लेकर जरूरी फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने अपने फैसला में स्पष्ट किया कि गैरकानूनी तरीके से कोई घर मालिक असामाजिक तत्त्वों की मदद लेकर किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता है. न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने पटना के फ्रेजर रोड स्थित हैरिसंस होटल एवं अन्य की क्रिमिनल रीट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है.

पटना हाईकोर्ट ने ये भी कहा-

पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इस प्रकृति की उच्च स्तरीय कार्रवाई जो संपत्ति को हथियाने और अवैध तरीके से एक कब्जे वाले को बेदखल कर उसे अपना कब्जा वापस पाने हेतु दीवानी मुकदमों को दर्ज करने के लिए ही प्रोत्साहित करेगा. यदि घर मालिक के साथ पुलिस की भी मिली भगत भी हो तब भी हाई कोर्ट इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है. यदि न्यायालय इस तरह की उच्च स्तरीय कार्रवाई को स्वीकार करेगा तो कानून के शासन का कोई सम्मान नहीं करेगा और गैर कानूनी तत्व इसका फायदा उठाएंगे.


एसएसपी को कोर्ट ने दिया निर्देश-

वहीं, इस मामले में कोर्ट ने पटना के एसएसपी तथा कोतवाली के थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता होटल कंपनी को तुरंत उसके होटल परिसर का दखल वापस दिलाने का निर्देश दिया है।

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