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Haryana Update: पानीपत सबसे प्रदूषित शहर, जानिए टेक्सटाइल हब कैसे उगल रहा जहर

हरियाणा का पानीपत आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह शहर विश्व स्तर पर "टेक्सटाइल सिटी" के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुका है। यहां निर्मित उत्पादों का निर्यात दुनिया के लगभग हर देश में होता है। हालांकि, एक प्रमुख कपड़ा औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होने के साथ-साथ पानीपत देश के सबसे प्रदूषित शहरों में भी शुमार हो गया है।

 
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Haryana Update. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने पानीपत औद्योगिक क्षेत्र को गंभीर प्रदूषण क्षेत्रों (CPAs) की सूची में शामिल किया है। यहां नालियों में खुलेआम बहता अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट आम दृश्य बन चुका है। कपड़ा उद्योग को CPCB ने सबसे प्रदूषणकारी श्रेणियों में रखा है क्योंकि यह जल और वायु प्रदूषण दोनों में भारी योगदान करता है। इसके अलावा, अवैध रूप से बढ़ती ब्लीचिंग इकाइयाँ इस क्षेत्र में भूजल प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन चुकी हैं।

दिल्ली से लगभग 90 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर स्थित पानीपत का वार्षिक कारोबार करीब 60,000 करोड़ रुपये का है। इसमें से 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार निर्यात से जबकि 40,000 करोड़ रुपये घरेलू बाजार से होता है। यहां के लगभग 400 छोटे-बड़े निर्यातक अमेरिका, यूरोप, जापान, ऑस्ट्रेलिया और खाड़ी देशों में कालीन, कंबल, बेड कवर, चादरें, कुशन, तौलिये, पर्दे और बाथ मैट जैसे उत्पाद बेचते हैं।

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पानीपत दुनिया के सबसे बड़े रीसाइक्लिंग उद्योग का केंद्र भी है। यहां विभिन्न देशों से लाए गए पुराने कपड़ों से बिना रासायनिक रंग और बिना अधिक पानी खर्च किए धागा तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया से शहर प्रतिदिन 30 लाख किलोग्राम से अधिक धागा उत्पादन करता है।

शहर की लगभग हर गली और घर में 20,000 से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयाँ संचालित हो रही हैं, जबकि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) के पोर्टल पर केवल 800 औद्योगिक इकाइयों का ही पंजीकरण है। इनमें से सात उद्योग अति प्रदूषणकारी श्रेणी में, लगभग 450 लाल श्रेणी में, 300 नारंगी श्रेणी में और करीब 100 हरे श्रेणी में सूचीबद्ध हैं।

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दिसंबर 2021 से अप्रैल 2022 के बीच सीपीसीबी ने राज्यभर में 924 औद्योगिक इकाइयों का सर्वेक्षण किया था। इसमें पाया गया कि 413 इकाइयों ने सबसे अधिक प्रदूषक उत्सर्जित किया। आंकड़ों के मुताबिक पानीपत के उद्योगों ने सबसे अधिक 45 प्रतिशत प्रदूषण फैलाया। इसके बाद गुरुग्राम 25.2 प्रतिशत, फरीदाबाद 15.2 प्रतिशत और सोनीपत 10.2 प्रतिशत प्रदूषण उत्सर्जन के साथ सूची में शामिल रहे। कुल 413 अति प्रदूषणकारी इकाइयों में से 181 पानीपत में, 100 गुरुग्राम में और 32 फरीदाबाद में स्थित थीं।