Delhi Dehradun Expressway: हाईवे पर मिलेगा चिड़ियाघर का खूबसूरत नजारा, 571 पिलर पर बनाया जा रहा दमदार Expressway
Delhi Dehradun Expressway: आपको बता दें, की जंगलों में कंक्रीट बहुत कम होता है, इसलिए एक पिलर का इस्तेमाल किया जाता है। इस कॉरिडोर में 571 पिलर बनाए जा रहे हैं, प्रत्येक पिलर से 21 मीटर की दूरी होगी।
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Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की भारत में कई एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। इस कड़ी में देश भर में एक राजमार्ग भी बनाया जा रहा है जो घने जंगलों से गुजरेगा। वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर इसके लिए बनाया जा रहा है। 12 किलोमीटर का कॉरिडोर जंगलों से गुजरेगा। यात्रा के दौरान ही लोगों को जंगल में शेर, हाथी और अन्य कई प्राणी देखने को मिलेंगे। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बनाया जा रहा यह विशिष्ट कॉरिडोर।
NHAI और Wildlife Institute of India ने मिलकर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बनने वाला वन कॉरिडोर बनाया है। दिल्ली-देहरादून के बीच बनाया जा रहा ग्रीन कॉरिडोर अब अंतिम चरण में है। तैयार होने पर दिल्ली से देहरादून जाने में सिर्फ ढाई घंटे लगेंगे। आइये आपको बताते हैं इस प्राकृतिक पार्क और एक्सप्रेसवे के विशेषताएं।
राजाजी नेशनल पार्क एक्सप्रेसवे
यह वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर उत्तराखंड में बनाया जा रहा है, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों ने बताया। राजाजी नेशनल पार्क से सटे इस कॉरिडोर में जानवरों को स्वतंत्र रूप से चलाना होगा। यह प्रोजेक्ट, जो दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बनाया जा रहा है, 12 किलोमीटर से अधिक की लंबाई का होगा, जिससे यह एशिया का सबसे बड़ा वन कॉरिडोर बन जाएगा।
वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर में एक पिलर पर छह लेन होंगे। जंगलों में कंक्रीट बहुत कम होता है, इसलिए एक पिलर का इस्तेमाल किया जाता है। इस कॉरिडोर में 571 पिलर बनाए जा रहे हैं, प्रत्येक पिलर से 21 मीटर की दूरी होगी।
6 लेन के इस कॉरिडोर पर प्रतिदिन 20,000 से 30,000 वाहन गुजरेंगे। दिल्ली से सहारनपुर के रास्ते देहरादून इस कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। NHAI ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये की लागत होगी। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बनने के बाद उत्तर प्रदेश के लोगों को मसूरी, देहरादून और हरिद्वार जाना आसान हो जाएगा। साथ ही, यह राजमार्ग जिन क्षेत्रों से गुजरेगा, वहां आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।