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DDA ने बनाया मास्टर प्लान, दिल्ली में यहां बनेगी मिनी सिटी!

Delhi News: नीति कई जमीन मालिकों को शामिल करती है। संघ बनाया गया है। 15 दिसंबर को, डीडीए ने सेक्टर-8 बी, पी-2 जोन के जमीन मालिकों की एसोसिएशन को पत्र लिखा हैं। 

 
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Haryana Update: आपको बता दें, की 85 लाख लोगों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने लैंडपूलिंग पॉलिसी के तहत पांच क्षेत्रों में बसाने का लक्ष्य रखा है। डीडीए का लक्ष्य है कि हर क्षेत्र को मिनी सिटी बनाया जाएगा। इसके लिए भी प्रत्येक क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, पुलिस स्टेशन और फायर स्टेशन बनाए जाएंगे।

डीडीए इन प्रशासनिक इमारतों को बनाने के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखेगा। इस नीति में भाग लेने वाले जमीन मालिकों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत होगी, जबकि डीडीए 40 प्रतिशत होगा।

वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि पांच क्षेत्र बनाए जाएंगे। इनको 138 क्षेत्रों में बांटा गया है। नीति कई जमीन मालिकों को शामिल करती है। संघ बनाया गया है। 15 दिसंबर को, डीडीए ने सेक्टर-8 बी, पी-2 जोन के जमीन मालिकों की एसोसिएशन को पत्र लिखा है, जिसमें उनसे कहा गया है कि वे सेक्टर भूमि वितरण योजना के मसौदे के अनुसार 60 और 40 प्रतिशत के अनुपात पर एक विकल्प चुनें। अधिकारियों ने कहा कि सभी क्षेत्र में पांच सौ से अधिक स्कूल बनेंगे।

40 प्रतिशत जमीन छठे चरण में दी जाएगी
अधिकारियों ने कहा कि छठे चरण में संघ और जमीन मालिकों को चालिस प्रतिशत जमीन दी जाएगी। संघ इसके बाद डीडीए को 60 प्रतिशत जमीन पर फ्लैट बनाने और अन्य कार्यों की अनुमति देगा।

इस प्रकार 12 प्रतिशत जमीन पर सड़क बनाई जाएगी। 16 प्रतिशत जमीन पर स्ट्रीट लाइट लगेंगी
4 फीसदी जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाएंगे और 8 फीसदी जमीन पर लोगों की सुविधा के लिए कई विभागों के कार्यालय बनाए जाएंगे।

MD ने फैक्ट्री लाइसेंस प्रक्रिया को आसान बनाया
वहीं, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने फैक्ट्री लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को आसान कर दिया है। इसके लिए दिसंबर महीने में सभी क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्रों में कैंप लगाए जाएंगे। कम्पनी ने फैक्ट्री लाइसेंस को 10 दिन में देने पर जोर दे रहा है। पहले तीस दिन से अधिक का समय लगता था। लाइसेंस के लिए निगम ने पांच से चार दस्तावेज की संख्या भी कम कर दी है। साथ ही आपको ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिलेगी।

आवेदक को संपत्ति पर अपने अधिकार का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। किराये की संपत्ति को मालिक की अनापत्ति का प्रमाण पत्र देना चाहिए। मंजूर की गई इमारत की निर्माण योजना या संरचनात्मक सुरक्षा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए। 250 वर्गमीटर से अधिक परिसर में फायर एनओसी भी आवश्यक है

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