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DDA ने किया 181 एकड़ जमीन का अधिग्रहण, दिल्ली का ये इलाका बनेगा एजुकेशन हब!

Delhi News: इन विश्वविद्यालयों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप क्षेत्र में पहले से बनाए गए 1082 फ्लैट भी मिल गए हैं। डीडीए को अतिरिक्त भूमि और फ्लैटों के राजस्व के तौर पर 1300 करोड़ रुपये मिलेंगे।

 
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Haryana Update: आपको बता दें, की शिक्षा के बुनियादी ढांचे में नरेला क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। डीडीए ने सात राज्य संस्थानों और विश्वविद्यालयों को 181 एकड़ जमीन दी है। दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने नरेला सब सिटी को शिक्षण हब बनाने का हाल ही में आदेश दिया था।

राजनिवास के अनुसार, सक्सेना ने पिछले वर्ष अक्तूबर में अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि नरेला को एजुकेशन हब बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जिसमें कोर्ट, पुलिस, अस्पताल, आवास और जेल कांप्लेक्स शामिल हैं। विश्वविद्यालय परिसरों के लिए आवश्यक भूमि प्रदान करने के अलावा, सभी नगरों के बुनियादी ढांचे के विकास को भी बढ़ावा देना चाहिए। 

इसके अनुरूप यहां 181 एकड़ जमीन दी गई है। साथ ही, इन विश्वविद्यालयों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप क्षेत्र में पहले से बनाए गए 1082 फ्लैट भी मिल गए हैं। डीडीए को अतिरिक्त भूमि और फ्लैटों के राजस्व के तौर पर 1300 करोड़ रुपये मिलेंगे। डीडीए ने पिछले एक वर्ष से अधिक समय में पहले बचे हुए लगभग आठ हजार फ्लैट बेचने में सफलता हासिल की है।

राजनिवास ने दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इंद्रप्रस्थ कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी और इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी को जमीन दी है।

कैम्पस को जल्द से जल्द तैयार करने पर जोर दिया जाएगा।
डीडीए के अधिकारियों ने कहा कि नरेला में सभी स्कूलों के कैंपस को दो वर्षों में बनाने पर जोर दिया जा रहा है। जिससे जल्द से जल्द नरेला में एक नया कैम्पस बनाया जाए और यह समय से तैयार हो जाए। इससे पहले, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को नरेला में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए पत्र लिख चुके हैं। नया अस्पताल बनाने के लिए भी राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।

नरेला में बनने वाले नए शिक्षण संस्थानों के निर्माण के बाद, विशेषज्ञों का कहना है कि वहां पढ़ाए जाने वाले कई पाठ्यक्रमों में भी वृद्धि होगी। इससे जीजीएसआईपीयू में बीआर्क, बीबीए और मास कम्युनिकेशन कोर्सों की सीटें बढ़ेंगी। साथ ही, डीटीयू और आईजीडीटीयूडब्ल्यू में कई इंजीनियरिंग कोर्सों की सीटों में भी बढ़ोतरी होगी।