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NPS के Charge Structure में हुए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव, लोगों के लिए खुशखबर!

NPS News: नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के चार्ज स्ट्रक्चर में परिवर्तन के बारे में प्रमुख जानकारी। जानिए क्या हुए है ये महत्वपूर्ण बदलाव और जानिए इनके फायदे। 
 
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Haryana Update, NPS Charge Structure: नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के चार्ज स्ट्रक्चर में बदलाव की जानकारी मिली है। यह बदलाव पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा किया गया है। PFRDA का काम NPS को रेग्युलेट करना है और उन्होंने चार्ज स्ट्रक्चर में बदलाव किया है।

PoP का मतलब क्या है?

PoP यानि पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (Point of Presence) एक ऐसा संगठन होता है जो नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के तहत खाता खोलने और उसका प्रबंधन करने में मदद करता है। PoP के जरिए कस्टमर NPS से संपर्क कर सकते हैं। इनके द्वारा सेवाएं प्रदान करने के बदले PoP चार्ज लेते हैं।

बदले गए चार्ज स्ट्रक्चर के नियम:

  • शुरुआती रजिस्ट्रेशन के लिए: किसी व्यक्ति को NPS में शुरुआती रजिस्ट्रेशन कराने के लिए PoP को 200 से 400 रुपये का चार्ज देना होगा।

  • शुरुआती कंट्रीब्यूशन पर: शुरुआती कंट्रीब्यूशन पर 0.50% तक का चार्ज देना होगा। यह चार्ज 30 रुपये से 25,000 रुपये के बीच होगा।

  • नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर: सभी नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर फिक्स रूप से 30 रुपये का चार्ज लगेगा।

इन नए नियमों के अनुसार, PoP चार्ज की मिनिमम और मैक्सिमम लिमिट तय की गई है, लेकिन कस्टमर अब भी PoP के पास मोलभाव कर सकेगा।

NPS क्या है?

यह एक टैक्स बचाने का उपाय है। आप इसमें कुछ धन लगाते हैं। 60 साल की उम्र पूरी होने पर आपको निवेश की राशि का एक हिस्सा मिलता है, जबकि दूसरा हिस्सा आपको पेंशन देने लगता है। NPS लगभग सभी बैंकों की सुविधा है। आपको 60 वर्ष की उम्र या रिटायर होने के बाद बीमा कंपनियों से एन्युटी खरीदनी होती है, जो आपको पेंशन देती है। इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्र 18 से 60 वर्ष है।