Breaking News: आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा ऐलान, अब नहीं चलेगा आरक्षण!

Breaking News: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मेडिकल प्रवेश में मूल निवासी (डोमिसाइल) आरक्षण को समाप्त करने का निर्णय लिया है। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया, और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने इस आरक्षण को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन मानते हुए रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद, अब छात्र मेडिकल प्रवेश के लिए इस प्रकार के आरक्षण का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न मामलों में राज्यों द्वारा मेडिकल कॉलेजों में स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षण के प्रावधानों पर विचार किया है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में एक मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने एक उम्मीदवार को राहत दी थी, जिसे NEET-UG 2023 में राज्य कोटा के तहत प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। अदालत ने कहा था कि यदि उम्मीदवार के माता-पिता महाराष्ट्र के निवासी हैं और केंद्र सरकार या उसके उपक्रमों में कार्यरत हैं, तो पोस्टिंग की जगह की परवाह किए बिना उम्मीदवार राज्य कोटा के तहत सीट का हकदार होगा।
हालांकि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना राज्य द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, तेलंगाना हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें MBBS/BDS पाठ्यक्रमों में स्थानीय कोटे के लिए चार साल की लगातार पढ़ाई की शर्त को हटाया गया था।
इन फैसलों से स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट मेडिकल प्रवेश में आरक्षण नीतियों की संवैधानिकता और न्यायसंगतता पर लगातार निगरानी रख रहा है, ताकि सभी छात्रों के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।