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Bihar Update: बिजली उपभोक्ताओं हो जाएं सावधान, अब कटेंगे कनेक्शन

Bihar Update: विभिन्न वार्डों में संचालित नल जल योजना का यह बकाया है। बिजली विभाग ने पीएचडी पर लगभग दो करोड़ का बकाया भुगतान किया हैं, जानिए पूरी खबर। 

 
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Haryana Update: आपको बता दें, की मार्च महीने में बिजली विभाग ने वसूली अभियान को तेज किया है। इसके लिए S Drive प्रयोग किया जा रहा है। बिजली बिल नहीं देने वाले ग्रामीणों और उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटा जा रहा है।

जिले में 21 हजार उपभोक्ताओं के पास विभाग का 46 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है, कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने बताया। इन उपभोक्ताओं ने एक वर्ष से अधिक समय से बकाया बिल नहीं भुगतान किया है। राशि वापस लेने का अभियान चलाया जा रहा है, भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाता है।

22 गांव की बिजली काटी गई: उन्होंने बताया कि बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले 22 गांवों की बिजली एक साथ काटी गई है। बिल भुगतान के दौरान कनेक्शन जोड़ा जाता है। कुछ गांवों को जोड़ा गया है।

रतनी प्रखंड के हड़पुर, काजी चक, खैरूचक, सदर प्रखंड के महदा, शिवा बिगहा, सलेमपुर, हरपुरा, बाजितपुर और अन्य प्रखंडों के कई गांवों में विद्युत कनेक्शन काट दिया गया है। उन्होंने अपील की है कि बिजली बिल अविलंब भुगतान करें या कार्रवाई की जाएगी।

बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वालों में पंचायती राज विभाग के 4.5 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। नगरपालिका पर दो करोड़ आठ सौ दो लाख रुपये का बकाया है। ओबीसी स्कूलों पर 81 लाख रुपये का बकाया है।

जिला पंचायती राज विभाग पर सबसे अधिक बकाया चार करोड़ 44 लाख रुपये है। विभिन्न वार्डों में संचालित नल जल योजना का यह बकाया है। बिजली विभाग ने पीएचडी पर लगभग दो करोड़ का बकाया भुगतान किया है।

पूरे गांव का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है, जिससे हर घर के नल जल से भी आपूर्ति बंद हो गई है, जिससे पेयजल के साथ-साथ किसानों का पटवन भी बहुत खराब हो गया है। गांववासी पेयजल के लिए चापाकल पर निर्भर हैं। नल जल भी बंद हो गया है। वास्तव में, आज अधिकांश ग्रामीण घरों में निजी चापाकल नहीं है।

यही कारण है कि पूरे गांव को दो या तीन सार्वजनिक चापाकल से ही चलाना पड़ता है। सुबह से लोग चापाकल पर पानी लेने के लिए खड़े हो जाते हैं।

इंतजार करने के बाद लोगों को पानी मिलता है। पटवन गांवों में पूरी तरह ठप हो गया है। शौच के लिए लोग आहर-पइन पीते हैं।

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