हिसार एयरपोर्ट पर होगी लगातार 4 दिन वायुसेना की ट्रेनिंग, उड़ान भरेंगे लड़ाकू विमान

Hisar Airport, Haryana Update : हरियाणा के हिसार स्थित महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से वायुसेना के विमान उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। 4 से 7 फरवरी तक यहां से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों का संचालन किया जाएगा। यह ऑपरेशन प्रशिक्षण उद्देश्यों के तहत किया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व सिरसा वायुसेना स्टेशन के ग्रुप कैप्टन रीतम कुमार करेंगे।
हिसार जिला प्रशासन को दिए गए विशेष निर्देश-
सिरसा वायुसेना के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर ने हिसार जिला प्रशासन को पत्र लिखकर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इस संबंध में डीसी (जिला उपायुक्त) ने नगर निगम और पब्लिक हेल्थ अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। ताकि संचालन में किसी प्रकार की बाधा न आए।
हिसार एयरपोर्ट से पांच राज्यों के लिए उड़ान सेवा की योजना-
भविष्य में हिसार एयरपोर्ट से पांच राज्यों के लिए हवाई सेवा शुरू करने की योजना है। इस पहल से क्षेत्र का यातायात सुगम होगा और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
हिसार एयरपोर्ट का आधुनिक टर्मिनल तैयार-
महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। 503 करोड़ रुपये की लागत से बना शंख के आकार का यात्री टर्मिनल पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है। एयरपोर्ट पर कैट-2 लाइट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम भी लगा दिया गया है। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी डीजीसीए से लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में है। जिससे मार्च 2025 तक एयरपोर्ट के पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) संभालेगा संचालन-
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की थी कि महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट के रख-रखाव और संचालन का जिम्मा अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) संभालेगा। एएआई ने इस संबंध में एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी कर दिया है। एयरपोर्ट पर एएआई स्टाफ की तैनाती भी कर दी गई है।
10 हजार फीट का रनवे और विस्तारित टर्मिनल-
हिसार एयरपोर्ट पर 10 हजार फीट लंबा रनवे तैयार किया गया है। ताकि बड़े विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ आसानी से हो सके। साथ ही पुराने यात्री टर्मिनल की क्षमता को बढ़ाकर 150 यात्रियों के अनुकूल बनाया गया है।
एविएशन सेक्टर में हिसार की बढ़ती भूमिका-
इस एयरपोर्ट के विकसित होने से हिसार एक अहम एविएशन हब बनने की ओर अग्रसर है। यह एयरपोर्ट न केवल नागरिक उड्डयन बल्कि रक्षा क्षेत्र के लिए भी अहम हब साबित होगा। आने वाले सालों में इसे उत्तर भारत के प्रमुख एयरपोर्ट में शामिल किया जा सकता है।