गिर गाय नस्ल से पशुपालक उठा सकते है लाखों का फायदा

Haryana Update: यह गाय प्रतिदिन 12 से 15 लीटर तक दूध देती है।
गिर नस्ल की गाय के दूध में वसा यानि फैट की मात्रा काफी अधिक होती है।अधिक मात्रा के फलसवरुप ही इसकी कीमतें बाजारों में काफी अधिक है।
वहीं गिर गाय की कीमत भारतीय बाजारों के अनुसार 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है।
उत्तम गिर नस्ल की गाय
देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आय का प्रमुख स्त्रोत पशुपालन है। ग्रामीण क्षेत्रों आय का साधन सबसे बड़ा पशुपालन ही बनता जा रहा है। जिसमें गाय पालन का प्रचलन सबसे ज्यादा माना जाता है। गिर गाय की नस्ल को सबसे अच्छा माना जाता है। इससे काफ़ी मात्रा में पशुपालकों को लाभ मिलता है।
गिर गाय की नस्ल द्वारा अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।
इन नस्ल की गायों में दूध उत्पादन की क्षमता अन्य नस्ल की गायों के मुकाबले में काफ़ी ज्यादा होती है।
गिर नस्ल की गाय के पालन से आप सालाना लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।
एक पशुपालक के लिए आय का प्रमुख साधन पशुपालन ही है। वह अपना ज्यादा ध्यान केंद्रित अपने इसी व्यवसाय पर करता है।
ये है पहचान गिर गाय की
गिर नस्ल का मूल स्थान गुजरात के दक्षिण काठियावाड़ में माना जाता है। इस नस्ल की गाय को आसानी से पहचाना जा सकता है।
इसके शरीर पर गहरे लाल या चॉकलेटी रंग के धब्बे पाए जाते हैं जिससे इसकी पहचान हैं।
इसका आकार में अन्य देसी गायों के मुकाबले में बड़ा होता हैं।
इसके कानों का आकार लम्बा पाया जाता है।
गिर नस्ल की गाय का माथा उभरा हुआ होता है। वहीं, सींगों का घुमाव पीछे की तरफ होता है। इसका आकार मध्यम से लेकर लगभग बड़ा होता है।
गिर गाय की रोग प्रतिरोधक क्षमता सही होती है।
प्रतिरोधक क्षमता सही होने के कारण ही यह गाय बहुत कम ही बीमार पड़ती हैं।
इस गाय की क्या है खासियत
यह गाय रोज़ना 12 से 15 लीटर तक के बीच में दूध देती है।
इस गाय की बिक्री के दौरान इसे एक लाख से कम में नहीं बेचा जा सकता।
इस गाय की बिक्री एक लाख रुपये तक या उससे ऊपर में ही होती है।
गिर नस्ल की गाय के एक लीटर दूध का रेट औसतन 65 रुपये हैं।
यह गाय अगर रोजाना 12 लीटर भी दूध देती है तो 30 दिन में 360 लीटर दूध देगी और साल भर में 3600 लीटर दूध के आसपास उत्पादन करती है।
इससे पशुपालक साल भर में 3600*65= 234,000 रुपये तक की कमई आसानी से कर सकते हैं।
आपको बता दें कि सरकार भी अधिक दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को गाय पालन करने के लिए कर रही है प्रोत्साहित।
इस विषय को लेकर कई सारी योजनाएं भी चलाएँ रही हैं।
डेयरी उद्योग के लिए नाबार्ड की तरफ से भी किसानों को सहायता भी प्रदान की जाती है।
इसके अलावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा भी डेयरी खोलने के लिए किसानों को लोन दिया जाता है।