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8th Pay Commission: महंगाई भत्ता और सैलरी संशोधन पर बड़ा अपडेट

8th Pay Commission में महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी को सैलरी संशोधन में शामिल करने की मांग तेज़ हो रही है। इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी पर बड़ा असर पड़ सकता है। जानें पूरी जानकारी!
 
8th Pay Commission: महंगाई भत्ता और सैलरी संशोधन पर बड़ा अपडेट
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8th Pay Commission: सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कई प्रमुख स्टेकहोल्डर्स इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मूल वेतन (Basic Pay) में हुए संशोधनों को महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) में वृद्धि से जोड़ा जाना चाहिए ताकि कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिल सके।

पिछले वेतन आयोगों के अनुभव

1996 से 2006 के बीच काम करने वाले 5वें वेतन आयोग ने यह सुझाव दिया था कि अगर डीए बेसिक वेतन का 50% हो जाए, तो इसे बेसिक पे में मिला दिया जाना चाहिए। इसी आधार पर सरकार ने 1 अप्रैल 2004 से डीए के 50% को बेसिक वेतन में विलय करने की अनुमति दी थी।

5वें वेतन आयोग का मानना था कि इस तरह का विलय सरकार के कर्मचारियों की बार-बार वेतन संशोधन की मांग को हल करेगा। लेकिन छठे वेतन आयोग ने इस प्रावधान को जारी रखने की सलाह नहीं दी। जब 7वें वेतन आयोग की घोषणा हुई, तब कर्मचारी संगठनों ने डीए को बेसिक वेतन में विलय करने की मांग फिर से उठाई थी।

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कर्मचारी संगठनों की मांगें

ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि 7वें वेतन आयोग ने भत्ते में 50% वृद्धि होने पर डीए को मूल वेतन में विलय करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। मिश्रा ने कहा कि यदि वह प्रस्ताव लागू हो गया होता तो पिछले साल डीए 50% से ऊपर जाने के कारण कर्मचारियों का वेतन संशोधित हो चुका होता।

कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 8वें वेतन आयोग से उम्मीद की जा रही है कि वह भी 50% से अधिक डीए होने पर इसे बेसिक वेतन में विलय करने की सिफारिश करेगा।

अब DA कितना है?

केंद्र सरकार कर्मचारियों को महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए डीए देती है। अक्टूबर में डीए में 3% की बढ़ोतरी के साथ यह 53% तक पहुंच चुका है। सामान्यतः डीए हर छह महीने में 2% से 4% के बीच बढ़ता है, लेकिन कोविड-19 के कारण लगभग डेढ़ साल तक इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई थी। जुलाई 2021 में इसे 17% से बढ़ाकर 28% किया गया था।

8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद डीए को शून्य मानकर साल में दो बार बढ़ाने का प्रावधान होगा।

महंगाई और न्यूनतम वेतन

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन का मानना है कि हाल के वर्षों में दो बार की डीए वृद्धि न्यूनतम जीवन यापन वेतन (Minimum Living Wage) को पूरी तरह से नहीं बढ़ा पा रही है। यह वेतन डॉ. अकरोय्ड के फॉर्मूले पर आधारित होता है, जो अमेरिकी न्यूट्रीशनिस्ट वॉलेस आर अकरोय्ड द्वारा विकसित किया गया था। यह फॉर्मूला आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को ध्यान में रखता है।

7वें वेतन आयोग ने भी 2016 में न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपये तक बढ़ाने के लिए इसी फॉर्मूले का उपयोग किया था।

न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग

NFIR के सेक्रेटरी जनरल एम राघवैया ने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूनतम वेतन 32,500 रुपये करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि यह राशि डॉ. अकरोय्ड फॉर्मूले के अनुसार उचित है।

अब 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद राघवैया ने कहा है कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन 32,500 रुपये के बजाय 36,000 रुपये तक बढ़ाने की सिफारिश की जानी चाहिए।

8वें वेतन आयोग के गठन के साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें बढ़ गई हैं। खासकर DA को बेसिक वेतन में विलय करने और न्यूनतम वेतन में वृद्धि की मांग जोर पकड़ रही है