Toll Tax: खत्म हो जायेगा Toll Plaza, NHAI का बड़ा ऐलान

Toll Plaza: देश के सबसे छोटे और अत्याधुनिक द्वारका एक्सप्रेसवे पर अब सैटेलाइट के माध्यम से टोल टैक्स वसूला जाएगा। यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा जहां इस नई प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। इस सिस्टम के परीक्षण के लिए बेंगलुरु-मैसूर हाइवे पर टेस्टिंग की जा रही है। खास बात यह है कि इस शहरी एक्सप्रेसवे पर देश का सबसे बड़ा 34 लेन वाला टोल प्लाजा स्थापित किया गया है। इसलिए, सैटेलाइट के जरिए टोल कलेक्शन करने वाला यह एक्सप्रेसवे देश में पहला होगा। टोल कलेक्शन को शुरू करने से पहले सभी सिस्टम को अपडेट किया जाएगा।
 

Toll Plaza GPS System: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस नई प्रणाली को लागू करने की तैयारी पूरी करने के अंतिम चरण में है। इस टोल कलेक्शन सिस्टम के तहत वाहनों को टोल प्लाजा पर ब्रेक लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। ड्राइवर के खाते से टोल टैक्स खुद-ब-खुद कट (gps based toll tax) जाएगा, और यह दर प्रत्येक किलोमीटर की दूरी के हिसाब से तय होगी। इसके लिए, द्वारका एक्सप्रेसवे (dwarka expressway) के प्रवेश और निकासी बिंदुओं पर स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए गए हैं।

जब भी कोई वाहन चालक एक्सप्रेसवे पर प्रवेश करेगा, वाहन की नंबर प्लेट और प्रकार को NHAI के खुफिया तंत्र में दर्ज कर लिया जाएगा। द्वारका-गुरुग्राम सीमा पर बजघेड़ा टोल गेट के पास एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां यह जानकारी संग्रहित की जाएगी। जैसे-जैसे यात्रा होती है, टोल टैक्स की राशि बढ़ेगी। जब वाहन एक्सप्रेसवे से निकलता है, तो वहां की लोकेशन भी रिकॉर्ड कर ली जाएगी, और यात्रा की पूरी दूरी के हिसाब से टोल टैक्स कटा जाएगा। चालक को इसके बारे में एसएमएस के माध्यम से उसकी यात्रा की दूरी और टोल की जानकारी भेजी जाएगी।

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इस प्रणाली का काम GPS आधारित होगा, जो वाहन की सटीक लोकेशन का ट्रैकिंग करेगा। इसी के माध्यम से दूरी के हिसाब से टोल का हिसाब लगाया जाएगा और पैसे काटे जाएंगे। इसके लिए डिजिटल वॉलेट को एक ऑफशोर बैंकिंग यूनिट (OBU) से जोड़ा जाएगा, और इसी के जरिए टोल की राशि कटी जाएगी। OBU एक बैंक शेल शाखा है जिसका उपयोग वित्तीय लेन-देन के लिए किया जाता है।