Social Media : आपका दिमाग भी तो नहीं हो रहा सोशल मीडिया का शिकार? जानिए संकेत

Social Media : सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल आपके दिमाग पर गहरा असर डाल सकता है! क्या आपको बार-बार फोन चेक करने की आदत हो गई है? ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल हो रही है या बिना कारण बेचैनी महसूस होती है? ये संकेत हो सकते हैं कि आपका दिमाग सोशल मीडिया का शिकार हो रहा है। आखिर कैसे पता करें कि आप इसकी लत में फंस चुके हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए? जानें पूरी डिटेल नीचे।
 
 

Social Media Side Effect: यह आभासी दुनिया में आपको दूर रहकर भी दोस्तों के साथ रहना अच्छा लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल तनाव, अवसाद, अकेलापन, खुद को नुकसान पहुंचाने वाले नकारात्मक विचारों का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। रिसर्च भी इसका पता लगाया है।

1,300 से अधिक किशोरों को प्यू रिसर्च सेंटर ने सोशल मीडिया के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में एक सर्वेक्षण किया। यह पता चला कि तीस प्रतिशत से अधिक लोगों ने शीर्ष पांच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से किसी एक पर अपना अधिकतम समय बिताया है।

इनमें फेसबुक, यूट्यूब, टिकटॉक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट शामिल हैं। यह दिमाग पर सबसे अधिक प्रभावी है।
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी के मानसिक स्वास्थ्य और नींद के शोधकर्ताओं ने दिन में 30 मिनट से अधिक सोशल मीडिया का उपयोग मस्तिष्क पर क्या प्रभाव डाल सकता है? इस अध्ययन में दो सप्ताह तक इसका उपयोग कम करने वाले छात्रों का मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य और नींद की स्थिति बेहतर हुई।

विशेषज्ञों का मत (Expert's View on Social Media)


मनोचिकित्सक का कहना है कि सोशल मीडिया पर बिताने वाला समय कम करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और चिंता, अवसाद, अकेलापन और नकारात्मक विचार कम होते हैं।

पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि तीन सप्ताह के भीतर जिस समूह ने सोशल मीडिया का उपयोग कम किया, उसमें अवसाद और अकेलेपन की भावनाओं में काफी कमी आई।

इस आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि सोशल मीडिया वर्चुअल रूप से लोगों को जोड़ता है, लेकिन इसके गंभीर नुकसान भी हैं।

अध्ययन क्या दिखाता है?

यह अध्ययन बताता है कि सोशल मीडिया पर समय कम से कम बिताना चाहिए। क्योंकि सोशल मीडिया नकारात्मक सामग्री से भरा है, इससे दिमाग और उसकी कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसलिए बेहतर है कि आप उन्हें धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करें।