EPFO: PF से कितने पैसे निकालने पर बंद हो जाएगी पेंशन? जान लें EPFO के नए नियम

EPFO: अगर आप अपने पीएफ खाते से पैसा निकालने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। EPFO के नए नियमों के तहत अगर कर्मचारी ने अपने पीएफ खाते से एक तय सीमा से ज्यादा राशि निकाल ली, तो उसे पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कितने पैसे निकालने पर आपकी पेंशन पर असर पड़ेगा। पूरी जानकारी के लिए नीचे पढ़ें।
 
 
Haryana update, EPFO: भारत में सभी नौकरीपेशा कर्मचारियों के पास एक पीएफ खाता होता है, जिसे कर्मचारी प्रोविडेंट फंड्स ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) द्वारा चलाया जाता है। यह खाता एक तरह की बचत स्कीम है, जिसमें कर्मचारी अपनी सैलरी का 12% हिस्सा हर महीने जमा करते हैं और कंपनी भी उतना ही योगदान करती है। इस खाते में जमा राशि को जरूरत पड़ने पर निकाला जा सकता है, लेकिन कुछ नियमों का ध्यान रखना जरूरी है, खासकर पेंशन के संबंध में।

पीएफ खाते का महत्व और योगदान EPFO

  • मासिक योगदान:
    कर्मचारी अपनी मासिक सैलरी का 12% हिस्सा पीएफ खाते में जमा करता है। इसके साथ ही कंपनी भी समान प्रतिशत का योगदान देती है।
  • बचत स्कीम:
    यह खाता कर्मचारियों के लिए भविष्य में एक सुरक्षित बचत का साधन है, जिसे जरूरत पड़ने पर निकाला जा सकता है।

पेंशन पाने के लिए नियम EPFO

  • 10 साल तक कंट्रीब्यूशन:
    यदि कोई कर्मचारी 10 साल तक नियमित रूप से EPFO में योगदान करता है, तो वह पेंशन पाने का हकदार हो जाता है।
  • कंपनी का योगदान:
    कंपनी द्वारा दी जाने वाली 12% में से 8.33% का हिस्सा कर्मचारी के पेंशन फंड यानी EPS (Employee Pension Scheme) में चला जाता है, जबकि बाकी 3.67% सीधे पीएफ खाते में जाता है।

पूर्ण निकासी और पेंशन पर प्रभाव EPFO

  • पूर्ण निकासी का खतरा:
    अगर कोई कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद अपने पीएफ खाते में जमा पूरी राशि सहित EPS फंड का भी पूरा पैसा निकाल लेता है, तो उसे भविष्य में पेंशन का हक नहीं मिलता।
  • पेंशन की सुरक्षा:
    इसलिए यह जरूरी है कि कर्मचारी अपने पीएफ खाते से केवल आवश्यक राशि निकाले और EPS फंड को बरकरार रखें, ताकि वह 50 साल की उम्र के बाद पेंशन के लिए क्लेम कर सके।

पेंशन पाने का अधिकार EPFO

EPFO के नियमों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी 10 साल तक पीएफ खाते में योगदान करता है, तो वह पेंशन पाने का हकदार हो जाता है। 50 साल की उम्र के बाद वह पेंशन क्लेम कर सकता है और उसका EPS फंड उसकी सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन में बदल जाता है।

पीएफ खाता कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण बचत साधन है, जो न केवल उनकी मौजूदा बचत में योगदान देता है, बल्कि भविष्य में पेंशन पाने का भी आधार बनता है। इसलिए, कर्मचारियों को चाहिए कि वे अपने पीएफ खाते से बिना सोचे-समझे पूरा पैसा न निकालें, बल्कि नियमों का पालन करते हुए EPS फंड को सुरक्षित रखें। इससे वे 50 वर्ष की उम्र के बाद सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन का लाभ उठा सकेंगे।