OPS Scheme In Budget 2024 : पुरानी पेंशन योजना फिर होगी बहाल, जानिए वित्तमंत्री का बड़ा ब्यान 

पिछले अप्रैल में केंद्र सरकार ने एनपीएस की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई थी। इस महीने के अंत तक कमेटी की रिपोर्ट भेजी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, अंतरिम बजट में इसे शामिल किया जा सकता है। सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली को वापस लाने की मांग कर रहे हैं।

 

Haryana Update : फरवरी में OPS VS NPS फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट प्रस्तुत करेंगी। सूत्रों के अनुसार, यह नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है। पिछले अप्रैल में, केंद्र सरकार ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुवाई में एनपीएस की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाई थी। यह कमेटी इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट दे सकती है। NPS नियमों में कुछ बदलाव करने पर कमिटी की बैठकों में चर्चा हुई है, लेकिन यह पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने के पक्ष में नहीं है। सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बहुत से राज्यों ने इसे फिर से लागू कर दिया है। चुनावी वर्ष में इसे फिर से लागू करने का दबाव भी है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने से पहले जनता से राय ले सकती है। ईटी को एक अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट पर काम चल रहा है। इस रिपोर्ट का फोकस एनपीएस में सुधार करना होगा। इससे पेंशनरों की चिंताओं को दूर किया जाएगा। राजकोषीय प्रभाव को देखते हुए रिपोर्ट में बदलाव की जरूरत होगी। बाद में इसे जनता के सुझाव के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। केंद्र सरकार ने पिछले अप्रैल में NPS को इस कमेटी का गठन किया था ताकि सरकारी कर्मचारियों की चिंताओं को दूर किया जा सके।

OPS Scheme : इस वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ

आरबीआई ने इसका विरोध किया और एक जनवरी 2004 से एनपीएस केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए लागू हो गया। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कहा कि तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू किया है। पिछले वर्ष राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश ने पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया था। इस व्यवस्था के तहत सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के रूप में उनकी अंतिम सैलरी का 50 प्रतिशत मिलता है। केंद्रीय सरकार का कहना है कि ओपीएस सरकारी खजाने पर बहुत अधिक बोझ डालता है। इसलिए इसे हटा दिया गया। ओपीएस को बहाल करने के खिलाफ आरबीआई और कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं। उन्हें लगता है कि इस कदम से राज्यों की अर्थव्यवस्था खराब हो जाएगी।