Land Registration: जानिए कैसे होती है जमीन की रजिस्ट्री, जमीन खरीदने से पहले जानें
Land Registration: अगर आप जमीन खरीदने का सोच रहे हैं तो रजिस्ट्री की प्रक्रिया जानना बेहद जरूरी है। जमीन की रजिस्ट्री में कई महत्वपूर्ण कदम होते हैं। अगर आप इस प्रक्रिया को समझना चाहते हैं तो नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
Mar 17, 2025, 14:29 IST
Haryana update, Land Registration: जमीन या प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री करवाना बेहद आवश्यक है। रजिस्ट्री के बिना, प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का ट्रांसफर वैध नहीं होता और कानूनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि जमीन की रजिस्ट्री कैसे की जाती है और क्या प्रक्रिया है।
रजिस्ट्री (Registry) क्या है? Land Registration
जब एक विक्रेता अपने मालिकाना हक को खरीदार के नाम पर ट्रांसफर करता है, तो उसे रजिस्ट्री (Registry) कहा जाता है। इसे सरल भाषा में समझें, तो इसमें विक्रेता के नाम को दस्तावेजों से हटाकर क्रेता के नाम पर दर्ज किया जाता है।
रजिस्ट्री की प्रक्रिया Land Registration
- मार्केट वैल्यू तय करना: रजिस्ट्री से पहले संपत्ति की मार्केट वैल्यू तय की जाती है, जिसे विक्रेता और खरीदार दोनों मिलकर निर्धारित करते हैं।
- स्टाम्प पेपर खरीदना: मार्केट वैल्यू तय होने के बाद स्टाम्प पेपर खरीदा जाता है, जिस पर बैनामा टाइप होता है।
- बैनामा दर्ज करना: बैनामा के दौरान क्रेता और विक्रेता की जानकारी दर्ज की जाती है।
- रजिस्ट्रेशन: इसके बाद रजिस्ट्रेशन किया जाता है, और रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होता है।
- गवाहों की आवश्यकता: रजिस्ट्री प्रक्रिया में दो गवाहों की जरूरत होती है।
- दस्तावेज़ जमा करना: दोनों पार्टियों को जमीन के दस्तावेजों के साथ पहचान से संबंधित कागजात भी जमा करने होते हैं।
- रजिस्ट्रार कार्यालय से पर्ची मिलना: प्रक्रिया पूरी होने के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से पर्ची मिलती है, जो यह प्रमाणित करती है कि रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है।
महत्वपूर्ण सुझाव Land Registration
रजिस्ट्री के बाद प्राप्त पर्ची को संभालकर रखें, क्योंकि यह दस्तावेज़ आपके प्रॉपर्टी के कानूनी मालिक होने का प्रमाण होता है।