कश्मीर वालों की हुई बल्ले बल्ले, अब बिना टैरिफ के बाहर भेजेंगे पशमीना शॉल और क्रिकेट बैट

मुक्त व्यापार समझौता (free trade agreement) दो या दो से अधिक देशों के बीच एक व्यवस्था है, जिसमें वे अपने बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क समाप्त करने या कम करने पर सहमत होते हैं, इसके अलावा भागीदार देशों से आयात के महत्वपूर्ण मूल्य पर गैर-व्यापार बाधाओं को कम करने और सेवा निर्यात तथा द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने पर भी सहमत होते हैं।
 

Haryana Update. भारत और यूनाइटेड किंग्डम (India-UK FTA) के बीच आज ऐतिहासिक मुक्त व्यापार सम्झौता (free trade agreement) हुआ है। जिससे दोनों देशों की इकॉनमी को जबर्दस्त फायदा मिलेगा। भारत ने गुरुवार को ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) कहा गया है - यह अब तक का 16वां व्यापार समझौता है - क्योंकि देश का लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। भारत ने डेयरी उत्पादों, खाद्य तेलों और सेब को एफटीए से बाहर रखकर घरेलू किसानों के हितों की रक्षा की है, जबकि 95 प्रतिशत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं पर शून्य शुल्क सुनिश्चित किया है।

इस व्यापार समझौते से जहां देश के लगभग हर राज्य के MSME सेक्टर को फाइदा होगा, वहीं कश्मीर के लोगों को इससे बड़ा फाइदा मिलने वाला है। बता दें जहां कश्मीर और दूसरे राज्यों से एक्सपोर्ट की जाने वाली वस्तुओं पर बड़ा ट्रेड टैरिफ और टैक्स देना पड़ता था वो अब न के बराबर देना पड़ेगा, जिससे निश्चित ही कंपनियों और अन्य लोगों को व्यापारिक रूप से फाइदा होगा।

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बता दें, कश्मीर से बड़ी संख्या मे सामान एक्सपोर्ट होता है, जिनमे पशमीना शॉल, बासमती चावल, कश्मीरी केसर और कश्मीरी वील्लो क्रिकेट बैट आदि चीजें शामिल है। आपकी जानकारी के लिए बता दें पहले इन सब चीजों को विदेश भेजने मे भरी टैक्स देना पड़ता था, जिससे महंगी होने के कारण इनकी डिमांड कम हो जाती थी। मुक्त व्यापार समझौते के तहत अब इनपे न के बराबर टैरिफ देना होगा। जिससे इनकी डिमांड विदेशों मे बढ़ेगी। ये एक तरीके से MSME सेक्टर के लिए ये वरदान साबित होगा।