Income Tax: भारत की इस जगह पर सरकार नहीं वसूलती टैक्स, वजह जानकर होंगे हैरान!

भारत में एक ऐसी जगह भी है जहां सरकार कोई इनकम टैक्स नहीं वसूलती। पुराने नियमों के तहत यहां के निवासियों को टैक्स से छूट मिली हुई है। इसलिए  मूल निवासियों को अब भी इनकम टैक्स से छूट मिलती है।
 
Haryana update : भारत में समय-समय पर टैक्स नियमों में बदलाव किए जाते हैं, जिससे देशभर के नागरिकों को इनकम टैक्स भरना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है जहां के लोगों को इनकम टैक्स भरने की जरूरत नहीं होती? चाहे उनकी आमदनी लाखों या करोड़ों में हो, फिर भी उन्हें इस नियम से छूट मिली हुई है। यह विशेष छूट केवल इस राज्य के निवासियों को ही दी गई है, जिससे वे अन्य भारतीय नागरिकों की तुलना में कर मुक्त जीवन जीते हैं। आइए जानते हैं कि इस छूट का कारण क्या है और इसे कब लागू किया गया था।

कौन सा राज्य है टैक्स-फ्री और क्यों?
भारत का सिक्किम राज्य ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां के नागरिकों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता। इसका कारण यह है कि सिक्किम को 1975 में भारत में मिलाया गया था, और उस समय इसके लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए थे। सिक्किम पहले एक स्वतंत्र रियासत था और भारतीय संघ में शामिल होने से पहले 330 वर्षों तक अलग राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में रहा। जब इसे भारत में 22वें राज्य के रूप में शामिल किया गया, तब इसके आर्थिक नियमों को पहले की तरह ही बनाए रखने का निर्णय लिया गया। इसी के तहत सिक्किम के नागरिकों को टैक्स से छूट दी गई, ताकि उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बनी रहे।

संविधान में सिक्किम को मिली है विशेष टैक्स छूट
सिक्किम के निवासियों को भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत विशेष छूट दी गई है। यह प्रावधान संविधान में भी दर्ज है, जो दर्शाता है कि सिक्किम के लोग भारत के अन्य नागरिकों की तरह इनकम टैक्स भरने के लिए बाध्य नहीं हैं। 1975 में जब यह राज्य भारत का हिस्सा बना, तो सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि इसके आर्थिक ढांचे में अचानक कोई बदलाव न हो, जिससे वहां के लोगों को नुकसान हो। यही कारण है कि आज भी सिक्किम के लोग इनकम टैक्स से पूरी तरह मुक्त हैं।

सिक्किम के निवासियों को मिलने वाले अन्य फायदे
टैक्स में छूट के अलावा सिक्किम के लोगों को और भी कई तरह की सुविधाएं प्राप्त हैं। जैसे:

  1. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए पैन कार्ड की जरूरत नहीं पड़ती।
  2. किसी भी तरह के केंद्रीय करों से उन्हें राहत मिली हुई है।
  3. उनके पुराने टैक्स नियम आज भी प्रभावी हैं, जिससे वे अतिरिक्त आर्थिक लाभ उठा सकते हैं।
  4. राज्य के अंदर व्यवसाय करने वालों को विशेष सरकारी सहायता दी जाती है।

किन लोगों को यह छूट नहीं मिलती?
हालांकि, सिक्किम के सभी नागरिकों को यह छूट नहीं मिलती। कुछ शर्तें हैं जिनके तहत कुछ लोगों को इनकम टैक्स भरना पड़ता है:

  1. अगर कोई सिक्किम निवासी राज्य के बाहर से कमाई करता है, तो उसे टैक्स भरना पड़ता है।
  2. 2008 के बाद सिक्किम की किसी महिला ने अगर किसी गैर-सिक्किमी व्यक्ति से शादी कर ली है, तो उसे भी यह सुविधा नहीं मिलेगी।
  3. अगर सिक्किम में रहने वाला कोई व्यक्ति केंद्रीय सरकार या अन्य कंपनियों से वेतन पाता है, तो उसे इनकम टैक्स भरना होगा।

पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को भी मिली है कर छूट
सिक्किम के अलावा, भारत में कुछ अन्य राज्य भी हैं जहां कुछ खास वर्गों को इनकम टैक्स में छूट दी गई है। इनमें शामिल हैं:

  1. त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और असम के आदिवासी समुदायों को टैक्स छूट मिली हुई है।
  2. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के आदिवासी समुदायों को भी इनकम टैक्स भरने से छूट प्राप्त है।
  3. इन राज्यों के निवासी 31 जुलाई तक अपना आय विवरण (ITR) दाखिल करने के लिए बाध्य नहीं होते।

टैक्स छूट क्यों दी गई?
सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों को यह विशेष टैक्स छूट इसलिए दी गई है ताकि वहां की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। इन क्षेत्रों में पहले से ही विकास की चुनौतियां हैं, और टैक्स छूट से वहां के लोगों को अधिक आर्थिक आजादी मिलती है। साथ ही, यह ऐतिहासिक रूप से उनके सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों को भी सुरक्षित रखने का एक प्रयास है।
भारत में सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य है जहां के लोगों को इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ता। इसका कारण 1975 में किया गया विशेष समझौता है, जिसके तहत सिक्किम के निवासियों को यह छूट दी गई थी। इसके अलावा, कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर के आदिवासी निवासियों को भी कुछ हद तक टैक्स से राहत दी गई है। हालांकि, सिक्किम में कुछ खास परिस्थितियों में लोगों को टैक्स भरना पड़ता है, लेकिन अधिकतर निवासी इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।