Haryana News: हरियाणा में डिजिटल होगी जमीन की पैमाइश, सैनी सरकार ने खरीदे 300 रोवर्स

हरियाणा सरकार ने जमीन की डिजिटल पैमाइश के लिए बड़ा कदम उठाया है। सैनी सरकार ने 300 रोवर्स खरीदकर भूमि मापन प्रक्रिया को हाईटेक बना दिया है। इससे जमीन विवादों में कमी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। जमीन मालिकों को सटीक रिकॉर्ड मिलेगा। जानिए इस नई व्यवस्था का पूरा प्लान।

 

Haryana Update, haryana की saini sarkar ने भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है और पूरे राज्य में जमीन की pemaish के लिए 300 rovers खरीदे गए हैं। इस नए सिस्टम के तहत हर जमीन का सटीक डिजिटल नक्शा बन सकेगा, जो सैटेलाइट data पर आधारित होगा। इससे भूमि विवाद, जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी और बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह से खत्म होने की संभावना है।


haryana लार्ज स्केल मैपिंग project (HaLSMP) के तहत इस कदम का उद्देश्य land चिन्हित की प्रक्रिया में सटीकता, पारदर्शिता और दक्षता लाना है, जो अभी तक पारंपरिक रूप से मैनुअल तरीकों पर निर्भर है। एडिशनल चीफ सेकेटरी (ACS) और वित्त आयुक्त राजस्व सुमिता मिश्रा ने बताया कि sarkari ई-मार्केटप्लेस (GEM) पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए rovers को सभी जिलों में बांटा गया है। इसके साथ ही राजस्व अधिकारियों की ओर से प्रदेश भर में स्थापित 19 निरंतर संचालन संदर्भ स्टेशनों (CORS) के network की मदद से सटीक सीमांकन करने के लिए इनका उपयोग किया जाएगा। ये GPS-सक्षम डिवाइस सदियों पुरानी चेन-आधारित माप पद्धति की जगह लेगे,, जो राजा टोडरमल के समय से चली आ रही है।

अधिकारियों ने ये भी बताया कि rover-आधारित डिजिटल maping में बदलाव से संपत्ति के लेन-देन और जमीन म्यूटेशन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। इसके साथ ही बैंक लोन और sarkar yojana तक पहुंच भी आसान हो जाएगी।

17 may तक चलेगी ट्रेनिंग

haryana sarkar ने नई तकनीक के इस्तेमाल के लिए  पटवारियों और कानूनगो के लिए state लेवल ट्रेनिंग कार्यक्रम (State Level Training Program ) शुरू कर दिए हैं, जो 17 मई 2025 तक जारी रहेगा।


haryana के 440 गांवों की पहचान की गई

बताया जा रहा है कि haryana में शुरूआती चरण में 22 पायलट गांव की लिए गए थे। प्रत्येक जिले से एक पहले ही ततिमा (भूमि पार्सल मानचित्र) अपडेट पूरा कर चुके हैं। अब sarkar ने अगले चरण के लिए 440 अतिरिक्त गांवों की पहचान की है। इसका उद्देश्य 2025-26 तक Land Map Portal में land parcel map को पूरी तरह से अपडेट करना और integrated करना है।