CIBIL Score : इस प्रकार होता है सिबिल स्कोर अपडेट, जानिए डीटेल में 

CIBIL Score : CIBIL स्कोर कम होने पर लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। यह स्कोर आपके लोन भुगतान और क्रेडिट कार्ड यूज़ पर निर्भर करता है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं, तो स्कोर गिर जाता है। जानिए CIBIL स्कोर कैसे बनता है और किन हालातों में लोन नहीं मिलता, नीचे पढ़ें पूरी डिटेल

 
Haryana update : सिबिल स्कोर का अच्छा होना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब हम लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो सबसे पहले हमारी सिबिल स्कोर की जांच की जाती है। अगर सिबिल स्कोर अच्छा है, तो लोन मिलना आसान होता है, लेकिन यदि स्कोर कम है तो लोन आवेदन रिजेक्ट भी हो सकता है। हालांकि, सिबिल स्कोर से जुड़ी कई गलत धारणाएं लोगों के मन में हैं जिन्हें वे सच मानते हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन सी बातें सिबिल स्कोर के बारे में गलत हैं:

कम सिबिल स्कोर होने पर लोन नहीं मिलेगा

बहुत से लोग यह मानते हैं कि कम सिबिल स्कोर होने पर लोन नहीं मिलेगा, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है। कई बैंक ऐसे होते हैं जो कम सिबिल स्कोर वाले लेनदारों को भी लोन दे देते हैं, हालांकि इनसे अधिक ब्याज लिया जा सकता है। कुछ बैंक केवल अच्छे सिबिल स्कोर वालों को लोन प्रदान करते हैं। इसलिए, कम सिबिल स्कोर पर चिंता करने के बजाय, आपको उन बैंकों को ढूंढना चाहिए जो कम स्कोर पर भी लोन देते हैं।

चेक बाउंस होने से सिबिल स्कोर पर असर पड़ता है

यह धारणा भी गलत है कि चेक बाउंस होने से सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि बैंक की गलती या तकनीकी कारण। सिबिल स्कोर का चेक बाउंस से कोई संबंध नहीं होता है। सिबिल स्कोर तब खराब होता है जब आप अपनी EMI या लोन की किस्तों का भुगतान नहीं करते।

क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल यानी अच्छा सिबिल स्कोर

यह मानना कि क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल करना सिबिल स्कोर के लिए अच्छा होता है, पूरी तरह से गलत है। अगर आपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग ही नहीं किया है, तो आपके पास कोई क्रेडिट इतिहास नहीं होगा। इससे बैंक को यह समझने में मुश्किल हो सकती है कि आप अच्छे लेनदार हैं या नहीं, और इस वजह से आपका लोन आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।

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सिबिल डिफॉल्टर्स का नाम सेव करता है

सिबिल एक तरह का रिकॉर्ड होता है, जिसमें आपके सभी लेन-देन के विवरण होते हैं। कई लोग सोचते हैं कि अगर उन्होंने लोन की किस्त नहीं चुकाई तो उनका नाम डिफॉल्टर की लिस्ट में जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से अपनी किस्तों का भुगतान करता है, तो उसका नाम भी सिबिल रिकॉर्ड में होगा।

बार-बार सिबिल चेक करने से स्कोर खराब होता है

बहुत से लोग यह मानते हैं कि बार-बार सिबिल स्कोर चेक करने से यह खराब हो जाता है, लेकिन यह गलत है। सिबिल रिपोर्ट में आवेदक द्वारा की गई पूछताछ की जानकारी नहीं दिखाई जाती है, इसलिए यह जानना संभव नहीं है कि किसी ने कितनी बार सिबिल रिपोर्ट चेक की है।