Bank Rules: अगर बैंक डूब जाए तो आपकी जमा राशि का क्या होगा? जानें क्या कहता है नियम

Bank Rules: अगर आपका बैंक अचानक बंद हो जाए तो आपकी जमा राशि का क्या होगा? क्या आपको अपने पैसे वापस मिलेंगे या फिर पूरा नुकसान उठाना पड़ेगा? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए एक खास व्यवस्था होती है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत एक निश्चित राशि तक का पैसा सुरक्षित रहता है। आखिर इस नियम के तहत कितना पैसा मिलेगा और कब तक? जानें पूरी डिटेल नीचे।
 
 

Haryana Update, Bank Rules: बैंकों में हजारों ग्राहकों के सेविंग्‍स अकाउंट होते हैं, Fixed Deposit जैसी योजनाओं के जरिए तमाम पैसा बैंकों मे जमा किया जाता है. लेकिन एक बार मान लीजिए कि जिस बैंक मे आपने पैसा जमा किया है वो बैंक ही कर्ज मे डूब जाए, तो आपकी रकम क्या आपको मिलेगी?

आखिर बैंक क्‍यों और किस वजह से डूबते हैं, कभी सोचा है इस बारे में? चलिए जानते हैं...

जब बैंक के पास उसकी संपत्ति से ज्यादा कर्ज हो जाता है और जमकर्ता अपना पैसा निकालने लगते हैं तो बैंक की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है. वो खाताधारकों या अपने ग्राहकों के प्रति जिम्‍मेदारी नहीं निभा पाता. ऐसी परिस्थिति में बैंक को डिफ़ाल्टर या दिवालिया घोषित कर दिया जाता है जिसे बैंक का डूबना कहा जाता है.

जानिए इसके पीछे की वजह

दरअसल बैंक अपने ग्राहकों या जमकर्ता के पैसों से चलते हैं. बैंक ग्राहकों के इन पैसों को पर उन्‍हें ब्‍याज देते हैं और उन पैसों को ज्यादा ब्याज दरों के साथ कर्ज के रूप मे और बॉन्ड में निवेश करता है और कमाई करता है. परंतु जब बैंक पर से बैंक ग्राहक का विश्‍वास अस्थिर हो जाता है तो वो बैंक से पैसा निकालता है. इस स्थिति में बैंक के सामने मुश्किलें पैदा हो जाता है, यानी इस समय बैंक को ग्राहकों का पैसा लौटाने के लिए अपने निवेश किए गए प्रतिभूतियों, बॉन्ड को बेचना होगा. इससे बैंक को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है और आखिर मे वो डूब जाता है.

बैंक डूब जाये तो कैसे मिलते हैं पैसे वापिस

अगर कोई बैंक दिवालिया घोषित हो जाता  है तो ऐसे में ग्राहकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत जमा राशि पर इंश्योरेंस कवर दिया जाताहै. बता दें कि पहले बैंक मे जमा की गयी राशि पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एक लाख रुपये था लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है, यानी बैंक के डूबने के बाद ग्राहकों को पांच लाख की सुरक्षित राशि वापस मिल जाती है. आसान भाषा में कहें तो पांच लाख तक की जमा राशि बैंक में सेफ कही जाती है और बैंक दिवालिया होने पर भी खाताधारकों को उनका पैसा मिल जाता है.