8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी, वेतन में होगी इतनी बढ़ोतरी
1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को होगा सीधा लाभ
सरकार आमतौर पर हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती है, ताकि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतनमान को बदला जा सके। 8वें वेतन आयोग के लागू होने से 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स को फायदा मिलेगा। इस समय केंद्र सरकार में 48.62 लाख कर्मचारी और 67.85 लाख पेंशनर्स हैं, जिनकी सैलरी और पेंशन इस आयोग की सिफारिशों से प्रभावित होगी।
वेतन आयोग की सिफारिशों में कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनर्स के लिए महंगाई राहत (DR) शामिल होती है। आयोग द्वारा सिफारिशें पेश किए जाने के बाद सरकार इन पर विचार करेगी और अंतिम मंजूरी के बाद इन्हें लागू किया जाएगा।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी निश्चित रूप से देखने को मिलेगी। अब तक सरकार वेतन संशोधन के लिए फिटमेंट फैक्टर का इस्तेमाल करती आई है।
- 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था।
- 8वें वेतन आयोग में इस फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाने की सिफारिश की जा सकती है।
- यदि ऐसा होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों के मूल वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी होगी।
फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों के वेतन ढांचे पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की मौजूदा न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये है, तो फिटमेंट फैक्टर 2.86 होने पर यह बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकती है। हालांकि, सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेने से पहले वित्तीय स्थिति और अन्य कारकों को ध्यान में रखेगी।
मध्य प्रदेश के न्यायिक कर्मचारियों को मिलेगा उच्च वेतनमान
मध्य प्रदेश के न्यायिक कर्मियों को उच्च वेतनमान देने का मामला कैबिनेट में पेश किया जाएगा। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए यह जानकारी दी।
मामले की सुनवाई जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
2026 Pay Commission : कर्मचारियों के पे स्केल में आएगा फर्क, सैलरी में होगी बम्पर बढ़ोतरी
वेतनमान सुधार को लेकर चार हफ्तों बाद होगी अगली सुनवाई
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कर्मचारी किशन पिल्लई और अन्य ने वर्ष 2016 में एक याचिका दायर की थी, जिसमें न्यायिक कर्मियों को उच्च वेतनमान का लाभ न दिए जाने को चुनौती दी गई थी।
हाईकोर्ट ने 28 अप्रैल 2017 को अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार के पास यह मामला 27 जून 2015 से लंबित है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि न्यायिक कर्मियों के वेतन से जुड़े मुद्दे का चार हफ्तों के भीतर समाधान किया जाए।
हालांकि, आदेश का पालन न होने पर कर्मचारियों ने वर्ष 2018 में अवमानना याचिका दायर की। गुरुवार को सरकार की ओर से कोर्ट में पेश होकर यह दलील दी गई कि पूरी प्रक्रिया के तहत मामला पहले कैबिनेट में जाएगा, फिर राज्यपाल तक भेजा जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त समय की मांग की गई है।
8वें वेतन आयोग से आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद
8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वेतन और पेंशन बढ़ने से बाजार में खपत और मांग बढ़ेगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
सरकार इस आयोग की सिफारिशों को लागू करने से पहले वित्तीय प्रभाव, राजकोषीय घाटे और महंगाई दर जैसे महत्वपूर्ण कारकों पर विचार करेगी। फिलहाल, कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार के अगले कदम का इंतजार है।