8th Pay Commission: सैलरी में इतनी बढ़ोतरी, फिटमेंट फैक्टर और HRA में होंगे बदलाव
8वें वेतन आयोग के लागू होने का समय
8वें वेतन आयोग के लागू होने का समय नजदीक आ गया है, और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि की उम्मीदें लगातार बढ़ रही हैं। इस बार सैलरी स्ट्रक्चर में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे, जिससे कर्मचारियों की सैलरी पिछली बार की तुलना में कहीं अधिक बढ़ेगी।
महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा
8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। इस बार महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की संभावना जताई जा रही है। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते को अब उनकी बेसिक सैलरी में शामिल कर लिया जाएगा, जिससे उनकी सैलरी में वृद्धि होगी।
HRA की दरें फिर से बदली जाएंगी
हर बार जब भी नया वेतन आयोग लागू होता है, HRA की दरों में संशोधन किया जाता है। 6वें वेतन आयोग में HRA की दरें शहरों के हिसाब से 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक थी, जबकि 7वें वेतन आयोग में इन्हें फिर से संशोधित किया गया था। अब 8वें वेतन आयोग में भी इन दरों में बदलाव किया जाएगा।
HRA की नई कैलकुलेशन
अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 तय किया जाता है, तो 30,000 रुपये की बेसिक सैलरी प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की सैलरी बढ़कर 57,600 रुपये प्रति माह हो जाएगी। इसके बाद HRA की कैलकुलेशन भी नई बेसिक सैलरी के हिसाब से की जाएगी, जिससे HRA में वृद्धि होगी।
HRA दरों में बदलाव के कारण
HRA दरों में बदलाव के कई कारण हैं। सबसे पहले महंगाई और मकानों के किराए में वृद्धि के कारण HRA बढ़ाना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा, नए वेतन आयोग में बेसिक सैलरी के स्ट्रक्चर में बदलाव होने से कई भत्तों पर असर पड़ता है, जिनमें HRA भी शामिल है। इसके साथ ही, शहरों की श्रेणी समय-समय पर बदलती रहती है, जिससे HRA में संशोधन करना पड़ता है।
क्या-क्या बदलाव होंगे नए वेतन आयोग में?
8वें वेतन आयोग में HRA की दरों में बदलाव की संभावना इसलिए है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग को लागू हुए 9 साल से अधिक हो गए हैं। इस दौरान महंगाई और शहरों की श्रेणी भी बदल चुकी है। इन बदलावों के कारण अब HRA में संशोधन की जरूरत महसूस हो रही है। कर्मचारियों की मांग भी है कि HRA दरों को बढ़ाया जाए, ताकि उनकी सैलरी में और वृद्धि हो सके। हालांकि, इस बारे में सरकार का आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है।
इस नए वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों को एक बड़ी वित्तीय राहत मिल सकती है, और उनका जीवन स्तर बेहतर हो सकता है। सभी कर्मचारियों को अब इस बदलाव का इंतजार है।