Rajsthan News: राजस्थान के पथरीला गाँव में जमीन खाली करने के दिए आदेश, ग्रामीणों ने किया विरोध

Rajsthan News: ग्रामीणों ने पाथलिया गांव में जमीन खाली करने के आदेश के बाद जिले के कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस बहस के पीछे छिपे कारणों को जानने के लिए यह लेख पढ़ें। पाथलिया गांव में जमीन खाली करने के आदेश के बाद ग्रामीणों ने बुधवार को झुंझुनूं में प्रदर्शन किया।
 

Rajsthan News: ग्रामीणों ने पाथलिया गांव में जमीन खाली करने के आदेश के बाद जिले के कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस बहस के पीछे छिपे कारणों को जानने के लिए यह लेख पढ़ें। पाथलिया गांव में जमीन खाली करने के आदेश के बाद ग्रामीणों ने बुधवार को झुंझुनूं में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने इस प्रदर्शन में अपनी आवाज़ उठाई और जिला कलेक्टर से खाली करने की मांग की।

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भूमि विवाद के बाद, मंजर पाथलिया गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके परिवार पिछले 50 से 60 वर्षों से खासरा नंबर 289/143 पर निवास करते हैं। सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और मंदिर भी इस जमीन पर हैं। जबकि प्रशासन इसे खाली करने और गोचर भूमि घोषित करने की बात कर रहा है। ग्रामवासी इसके पीछे छिपे आर्थिक और सामाजिक पहलुओं को उजागर करते हैं।

ग्रामीणों की आवश्यकताएँ और चुनौतियाँ
इस बहस में ग्रामीणों ने कई मांगें उठाई हैं। उनका कहना था कि कई परिवारों के घर उजड़ जाएंगे और वे बेघर हो जाएंगे यदि जमीन खाली की जाती है। नए स्थान पर बसना भी मुश्किल होगा क्योंकि उनके पास अधिक जगह नहीं है। उन्हें इससे आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रामीणों ने कार्रवाई को स्थगित करने की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट पर एकत्रित होकर जिला कलेक्टर से अनुरोध किया कि वे इस कार्रवाई को स्थगित कर दें ताकि वे बेघर होने से बच सकें। उन्हें यह भी दिखाया कि उनके परिवारों को बचाने की जरूरत है और उनकी मांगों के पीछे एक आदिकारणिक आधिकारिकता है।

मुख्य बातें:
ग्रामीणों ने पाथलिया गांव में जमीन खाली करने के आदेश के बाद प्रदर्शन किया।
भूमि विवाद में प्रशासन को गोचर भूमि मान रहा है, जबकि ग्रामीण जमीन को परिवारों के निवास के रूप में देख रहे हैं।
ग्रामीणों ने अपनी मांगों में कहा कि खाली करने से कई परिवारों के घर उजड़ सकते हैं और नए घर की कमी हो सकती है।
कलेक्ट्रेट पर ग्रामीणों ने एकत्रित होकर समस्याओं का सामना किया और कार्रवाई को रोकने की मांग की।
पाथलिया गांव में जमीन विवाद प्रशासन और ग्रामीणों के बीच आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का परिणाम है। ताकि ग्रामीणों का जीवन सुरक्षित रह सके और समस्या का समाधान मिल सके, सभी पक्षों को बातचीत करनी चाहिए।

ग्रामीणों ने पाथलिया गांव में जमीन खाली करने के आदेश के बाद जिले के कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस बहस के पीछे छिपे कारणों को जानने के लिए यह लेख पढ़ें। पाथलिया गांव में जमीन खाली करने के आदेश के बाद ग्रामीणों ने बुधवार को झुंझुनूं में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने इस प्रदर्शन में अपनी आवाज़ उठाई और जिला कलेक्टर से खाली करने की मांग की।

भूमि विवाद के बाद, मंजर पाथलिया गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके परिवार पिछले 50 से 60 वर्षों से खासरा नंबर 289/143 पर निवास करते हैं। सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और मंदिर भी इस जमीन पर हैं। जबकि प्रशासन इसे खाली करने और गोचर भूमि घोषित करने की बात कर रहा है। ग्रामवासी इसके पीछे छिपे आर्थिक और सामाजिक पहलुओं को उजागर करते हैं।