UJJAIN के महाकालेश्वर मंदिर का बना RATE CARD

जैसा मोल-वैसे दर्शन। महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के राज्य Ujjain में स्थित हैं। 

 

महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के राज्य Ujjain में स्थित हैं। ऐसी मान्यता हैं कि मंदिर में जो भी दर्शन करने को जाता हैं उसको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती हैं। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन किया है। महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की चर्चा करते हुए इस मंदिर की प्रशंसा की है।

Ujjain Mahakal की कब हुई थी स्थापना?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार Ujjain में स्थापित महाकालेश्वर मंदिर की स्थापना द्वापर युग में नंद जी की आठ पीढ़ी पहले हुई थी। पौराणिक कथाओं की मानें तो यह मंदिर 800 से 1000 वर्ष से भी पुराना है। इस मंदिर का विस्तार राजा विक्रमादित्य ने करवाया था जबकि महाकाल मंदिर का निर्माण 150 वर्ष पूर्व राणोजी सिंधिया के मुनीम रामचंद्र बाबा शेण बी ने करवाया था। इस मंदिर के निर्माण में मंदिर से जुड़े प्राचीन अवशेषों का भी प्रयोग किया गया है।

यह भी पड़ेःPetrol Diesel Prices : जारी हुए पेट्रोल-डीजल के नए दाम, चेक करें आज का ताजा रेट

Ujjain में नहीं टिक पाता एक भी राजा 

महाकाल को Ujjain का राजा कहा जाता है ऐसे में उनके अलावा इस नगरी में कोई दूसरा शासक या राजा नहीं रुक सकता। पौराणिक कथाओं के अनुसार विक्रमादित्य के शासन के बाद यहां कोई भी राजा रात भर नहीं टिक सका इसलिए आज तक कोई भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री Ujjain में रात नहीं बिताता।

भक्तों को मिला दर्शन के menu card

भक्तों के लिए लगाई गई दर्शन की rate लिस्ट।ज्योतिर्लिंग में गर्भगृह से दर्शन करने के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गए हैं। एक व्यक्ति के लिए 750 रूपए वहीं दो व्यक्तियों के लिए 1500 रूपए निर्धारित किए गए हैं। आम बोल-चाल में 1500 का टिकट बोलने के कारण श्रद्धालु भ्रमित हो रहे हैं, इसलिए मंदिर प्रशासन ने जगह-जगह बोर्ड टांग दिए ताकिं उन्हें बोलने की जरूरत ही ना पड़े।

यह भी पड़ेःदुनिया का पहला Bamboo Crash Barrier बना भारत में , जानिए इसकी खासियत

                            एक बार तो gujarat से आई एक महिला ने एक व्यक्ति के 1500 रूपए समझकर 2 लोगों के 3000 रूपए देकर चली गई। हर दिन मंदिर में 50 हजार से 1 लाख लोग आते हैं। बढ़ती हुई जन्संख्या को देखते हुए बहुत से नए टिकट घर खोल दिए गए हैं। आज कल तो लोगों को मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए भी पैसे देने पड़ते हैं। भगवान के लिए तो हर कोई बराबर हैं लेकिन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए VIP लोगों को पहले PREFERENCE क्यों दी जाती हैं। इसका सिर्फ एक ही कारण हैं वो हैं पैसा।

                      जैसा मोल-वैसे दर्शन