World Pneumonia Day: जानिए निमोनिया क्या है, निमोनिया के क्या लक्षण होते है और इससे कैसे बचा जा सकता है 

निमोनिया, फेफड़ों को प्रभावित करने वाली गंभीर स्थिति है, यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण एक या दोनों फेफड़ों में हो सकती है। वैसे तो निमोनिया का खतरा बच्चों में अधिक देखा जाता रहा है, पर यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, इससे बचाव करते रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। संक्रमण की स्थिति फेफड़ों के वायुकोश, जिसे एल्वियोली के नाम से जाना जाता है उनमें सूजन का कारण बन सकती है।
 

निमोनिया के कारण एल्वियोली में द्रव या मवाद भर जाती है, जिससे सांस लेना मुश्किल होने लगता है। गंभीर स्थितियों में इसे जानलेवा समस्या भी माना जाता है। निमोनिया के खतरे के बारे में लोगों को जागरूक और इससे बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे मनाया जाता है। 

डॉक्टर बताते हैं, वायरल और बैक्टीरियल दोनों कारण होने वाली निमोनिया को संक्रामक माना जाता है, यह संक्रमित व्यक्ति के छींक या खांसी से निकलने वाली ड्रॉपलेट से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों, बुजुर्गों और प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी के शिकार लोगों को निमोनिया से बचाव करते रहना चाहिए। आइए इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बारे में जानते हैं।

 

 

निमोनिया के लक्षणों के बारे में जानिए

जॉन्स हॉप्किंस की रिपोर्ट के अनुसार निमोनिया के शुरुआती लक्षण आमतौर पर सर्दी या फ्लू की तरह होते हैं। समय पर ध्यान न दिए जाने के कारण इसकी जटिलताओं के बढ़ने और गंभीर रूप लेने का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को निमोनिया के ऐसे लक्षणों को लेकर विशेष सतर्कता बरतते रहना चाहिए।


1. खांसी के साथ हरी, पीली या खूनी कफ आना।
2. तेजी से सांस लेना या सांस की तकलीफ।


3.सीने में दर्द जो आमतौर पर गहरी सांस लेने पर बढ़ जाता है।
4. धड़कनों का तेज होना। 


5. बुखार, पसीना और ठंड लगना।
6. भ्रम की स्थिति विशेष रूप से वृद्ध लोगों में।
7. होंठ और नाखून का रंग नीला हो जाना।


किन्हें निमोनिया होने का खतरा अधिक

डॉक्टर्स कहते हैं, वैसे तो बच्चों और बुजुर्गों में निमोनिया के मामले अधिक देखे जाते रहे हैं, पर कुछ और कारक इसके जोखिमों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं। जॉन्स हॉप्किंस के विशेषज्ञों के अनुसार चिकित्सीय स्थितियों वाले और धूम्रपान करने वाले लोगों में भी निमोनिया का खतरा हो सकता है।

जो लोग हाल ही में अस्पताल में भर्ती हुए हैं या वर्तमान में अस्पताल में भर्ती हैं (खासकर यदि वेंटिलेटर हैं) ऐसे लोगों में निमोनिया का खतरा अधिक होता है। इससे बचाव के उपाय करते रहना बहुत आवश्यक माना जाता है।


निमोनिया हो जाए तो क्या करें? 

निमोनिया के लक्षण नजर आने पर छाती के एक्स-रे और ब्लड, सीरम कल्चर जांच के माध्यम से इसकी पुष्टि की जाती है। निमोनिया के प्रकार और इसकी गंभीरता के आधार पर डॉक्टर इसका इलाज करते हैं।

बैक्टीरियल निमोनिया में एंटीबायोटिक्स के साथ आराम पाया जा सकता है। गंभीर स्थिति में ऑक्सीजन थेरेपी की भी आवश्यकता हो सकती है। रोगी को आराम करने और स्वस्थ आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है।


निमोनिया से बचाव कैसे करें?

निमोनिया से बचाव के लिए टीका लगवाना बहुत आवश्यक माना जाता है। यह आपको बैक्टीरियल निमोनिया और इसकी गंभीरता से बचाएगा। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को यह शॉट लगवाना चाहिए।


1. यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ दें। धूम्रपान आपको श्वसन संक्रमण, विशेष रूप से निमोनिया के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।
2. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी धोएं।


3. खांसी और छींकते समय मुंह और नाक को ढकें। इस्तेमाल किए गए टिश्यू को तुरंत डिस्पोज करें।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें। पर्याप्त आराम करें, संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।