Inflation Relief: खाद्य तेल और दाल और सब्जियां होंगी सस्ती

रिटेल महंगाई के आंकड़ों में करीब 40% हिस्सेदारी रखने वाली कृषि जिंसों मसलन अनाज, तेल-तिलहन और दलहन के भाव 2022 के रिकॉर्ड स्तर से 21% तक घटे हैं।
 

haryana update: सिर्फ चावल के भाव स्थिर रहे हैं। दरअसल वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका के चलते बीते दो महीनों में दुनियाभर में कमोडिटी के दाम तेजी से घटे हैं। केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक निकट अवधि में गिरावट का मौजूदा ट्रेंड जारी रहेगा।

 

 

 

ओरिगो ई-मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी के मुताबिक, निर्यात पर पाबंदी की वजह से गेहूं के भाव नीचे आए हैं। लेकिन बीते सीजन में कम फसल उतरने के चलते इसमें गिरावट सीमित रही।

 

इसका असर अंतत: रिटेल महंगाई पर नजर आएगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी की एक रिपोर्ट भी कहती है कि जैसे-जैसे मानसून आगे बढ़ेगा, घरेलू बाजार में कृषि जिंसों की कीमतों पर दबाव बढ़ेगा और सब्जियां भी सस्ती होंगी।


 दूसरी तरफ इंडोनेशिया से पाम ऑयल के निर्यात पर लगी रोक हटने के बाद सप्लाई बढ़ने से खाने के तेल और तिलहन के भाव दबाव में हैं। यूक्रेन से सन फ्लावर ऑयल की सप्लाई बढ़ने का असर भी घरेलू तेल बाजार पर देखा जा रहा है।