क्या आपको भी आती है ज्यादा नींद? तो हो सकते हो आप इस बीमारी के शिकार 

जो व्यक्ति दिन रात बहुत ज्यादा सोता है वह हाइपरसोमनिया बीमारी से पीड़ित होता है। इस बीमारी में आपको दिन के समय भी बहुत ज्यादा नींद आती है। सोकर उठने के तुरंत बाद भी आपको नींद आने लगती है।
 

आपने कई लोगों को रात भार अच्छी नींद लेने के बाद भी दिन में देर तक सोते हुए देखा होगा। जिस कारण हम उस व्यक्ति को अलसी की कैटेगरी में रख कर देखने लगते हैं। लेकिन क्या आपको उनके इतने ज्यादा सोने का सही कारण पता है।

दरअसल जो व्यक्ति दिन रात बहुत ज्यादा सोता है वह हाइपरसोमनिया बीमारी से पीड़ित होता है। इस बीमारी में आपको दिन के समय भी बहुत ज्यादा नींद आती है। सोकर उठने के तुरंत बाद भी आपको नींद आने लगती है।

ऐसा माना जाता है कि किसी भी चीज को एक लीमिट से ज्यादा करने पर उसके बुरे ही परिणाम होते हैं। ठीक इसी तरह ज्यादा सोना भी आपके सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। हाइपरसोमनिया के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होने लगता है। हाइपर्सोमनिया वाले लोगों को दिन के समय किसी भी तरह का काम करने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे अक्सर थके रहते हैं।

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हाइपरसोमनिया के कारण

1. स्लीप डिसऑर्डर

स्लीप एपनिया, नार्कोलेप्सी और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जैसी समस्याएं हाइपर्सोमनिया का कारण बन सकती हैं।

2. दवाएं

कई दवाओं जैसे एंटीडिप्रेसेंट, एंटीहिस्टामाइन के साइड इफेक्ट के कारण भी लोगों में हाइपर्सोमनिया की समस्या होने का कारण बन सकती हैं।

3. मेडिकल कंडीशन

हाइपरसोमनिया डिप्रेशन, मल्टीपल स्केलेरोसिस और पार्किंसंस बीमारी जैसी चिकित्सीय स्थितियों का लक्षण भी हो सकता है।

4. दिमाग में लगी चोट

किसी हादसे या दुर्घटना के दौरान दिमाग में लगी चोट के कारण भी हाइपर्सोमनिया की समस्या हो सकती है।

5. जेनेटिक्स

कुछ लोगों में हाइपर्सोमनिया जेनेटिक्स भी हो सकता है।

6. शराब और ड्रग्स का सेवन

शराब, ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों का सेवन हाइपरसोमनिया का कारण बन सकता है।

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हाइपरसोमनिया के लक्षण

1. लंबी नींद लेने के बाद भी उठने में कठिनाई आना

2. सोचने की क्षमता धीमी होना

3. धीमा बोलना

4. चीजें याद रखने में मुश्किल आना

5. एंजाइटी

6. चिड़चिड़ापन होना

7. एनर्जी कम होना

8. बुरे-बुरे सपने आना

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक के अनुसार हाइपर्सोमनिया के एक रूप के इलाज के लिए दवाएं भी उपलब्ध हैं। इन लक्षणों के इलाज के लिए अन्य दवाओं का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। जैसे लाइफस्टाइल में बदलाव करके, कैफीन या अल्कोहल से परहेज कर, रात के काम से परहेज कर और सोने में देरी करने वाली सामाजिक गतिविधियों से बचकर आप हाइपर्सोमनिया की समस्या से खुद को बचा पाएंगे। जरूरत पड़ने पर आप हाइपर्सोमनिया से निपटने के लिए डॉक्टर से सलाह भी ले सकते हैं।

( डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई सभी जानकारी और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। haryanaupdate Hindi इसकी पुष्टि नहीं करता है। इन चीजों पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। )