Discovery: क्‍या आपको जानते है चींटियां भी देती हैं दूध, जानिए कितना पौष्टिक होता है ये Ant Milk?
 

Ant Milk: वैज्ञानिकों के मुताबिक, चीटियां एडल्‍ट होने से पहले ही खास तरह का दूध देना शुरू कर देती हैं. ये दूध चीटियों के विकास के लिए काफी अहमियत रखता है.जानिए पूरी अपडेट...
 

Ant Milk: वैज्ञानिकों के मुताबिक, चीटियां एडल्‍ट होने से पहले ही खास तरह का दूध देना शुरू कर देती हैं. ये दूध चीटियों के विकास के लिए काफी अहमियत रखता है. इसमें कई विटामिन के साथ पौष्टिक तत्‍व पाए जाते हैं. नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के मुताबिक, अगर चीटियां इस दूध को ना पिएं तो लारवा मर जाएंगे.

गाय, भैंस, बकरी, ऊंटनी और गधी के दूध के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि चींटियां भी दूध देती हैं. जी हां, ये बिलकुल सही है. दरअसल, वैज्ञानिकों ने शोध के जरिये पता लगाया कि चींटियां वयस्‍क होने से पहले ही दूध देने लगती हैं. शोध के मुताबिक, युवा चींटियों से खास तरह का एक तरल पदार्थ निकलता है. यह एक तरह का दूध ही होता है.
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युवा चींटियों के इस दूध को बच्‍चों से लेकर वयस्‍क चींटियों तक सभी पीते हैं. अध्‍ययनकर्ताओं ने दूध देने और फिर उसे पीने की पूरी प्रक्रिया को कैमरे में कैद किया. शोध के दौरान पाया किया चींटी के प्‍यूपा विकास की प्रक्रिया में खास तरल पदार्थ छोड़ते हैं. इसमें प्‍यूपा की पुरानी झिल्‍ली के टुकड़ों से लेकर एंजाइम तक पाया जाता है. इसे वयस्‍क चींटियां और लारवा पीते हैं.

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प्‍यूपा में नीला रंग डालने के बाद शोधकर्ताओं ने उसे बाकी चींटियों के साथ कॉलोनी में छोड़ दिया. वैज्ञानिकों ने 24 घंटे में पाया कि वयस्‍क चींटी और लारवा में भी नीला रंग पहुंच गया था. इससे साफ हुआ कि प्‍यूपा के दूध को दूसरी चींटियां पीती हैं. अगर प्यूपा से निकले तरल पदार्थ को हटाया नहीं जाता यानी बाकी चींटियां ना पिएं तो वह अपने लिक्विड में डूब कर मर सकता है.
 

चींटियों के प्‍यूपा से निकलने वाले इस खास तरल पदार्थ में अमीनो एसिड और शुगर के साथ ही गई विटामिन होते हैं. यही नहीं, इसमें हार्मोन भी पाए जाते हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस दूध के कारण ही चींटियों के विकास के चरणों के बीच निर्भरता विकसित होती है. हालांकि, इतना कम दूध देती हैं, जिसे इकट्ठा कर पाना संभव नहीं है.
 

नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्‍ययन के मुताबिक, पहली बार इस खास तरल पदार्थ पर तब ध्‍यान गया, जब चींटियों के बीच से प्यूपा को अलग किया गया. शोध में पाया गया कि प्यूपा से काफी तरल पदार्थ निकलता है. इसके बाद शोधकर्ताओं ने ये जानने की कोशिश की इस दूध को कौन पीता है. इसके लिए उन्‍होंने प्‍यूपा के अंदर नीला रंग डाल दिया.
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चींटियों का लारवा अंडे से निकले कीट को कहते हैं. विकास की प्रक्रिया के दौरान चींटी सबसे पहले अंडा, फिर लारवा, उसके बाद प्यूपा और अंत में वयस्‍क होती है. प्यूपा से दूध निकलना और बाकी चींटियों का इसको पीना उनके जिंदा रहने के लिए जरूरी होता है. चींटी का लारवा दूध पर वैसे ही निर्भर रहता है, जैसे इंसान का नवजात शिशु के लिए मां का दूध जरूरी है.