सावधान! क्या आपको भी आते है खर्राटे? हो सकता है खतरनाक बीमारी का संकेत!
 

Snoring Meaning : हाल ही में किए गए अध्ययनों से पता चला है कि रात में अधिक देर तक खर्राटे लेने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप, या हाइपरटेंशन, की बीमारी होने का खतरा काफी अधिक होता है। NPJ Digital Medicine Journal में हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है।
 
 

Haryana Update, Snoring can be sign of high blood pressure : खर्राटे लेना सामान्य है। हमने पाया कि हर आदमी कभी-कभी खर्राटे लेता है। लेकिन यह समस्या हर दिन हो सकती है, जो खतरे का संकेत भी हो सकता है। यह आम तौर पर बुरी आदत लगती है और लोग शर्मिंदगी महसूस करते हैं। लेकिन आपकी सेहत के लिए बेहतर होगा कि आप शर्मिंदगी की बजाय डॉक्टर से बात करें और जांच कराएं। आपको बता दें कि अधिक दिनों तक इसे उपयोग करना गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।  वास्तव में, एक अध्ययन ने पाया कि अगर कोई व्यक्ति लगातार खर्राटे लेता है और यह कई दिनों से जारी रहता है, तो यह अन नियंत्रित हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप की समस्या का संकेत हो सकता है।

क्‍यों होता है खर्राटा
खर्राटा मेडिकल न्यूज टूडे के अनुसार, ऊपरी वायुमार्ग में नरम ऊतक सिकुड़ने और कंपन करने पर खर्राटे की आवाज निकलती है। यह समस्या 83% पुरुषों और 71% महिलाओं में आम है। यह सांस के दौरान अपर एयरवेज में रुकावट, स्लीप एपनिया या कैरोटिड धमनियों (carotid arteries) के आसपास क्षतिग्रस्त होने से होता है।

खर्राटे लेने के नुकसान
खर्राटे लेना हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है, जो नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकता है और इस प्रकार हाई ब्लड प्रेशर बाहर नियंत्रण से बढ़ सकता है। रिसर्च टीम ने यह सुझाव दिया है कि यह समस्या जानलेवा न बने इसके लिए लोगों को बीच-बीच में सेल्फ रिपोर्टेड डेटा या शॉर्ट टर्म ऑब्जर्वेशन में रहना चाहिए। इन नई तकनीकों की मदद से आप घर पर रहते हुए भी खरार्टे से होने वाले खतरे पर नज़र रख सकते हैं और सुधार कर सकते हैं।

कैसे किया गया शोध
2020 और 2021 में, लोगों ने गद्दे के नीचे रक्तचाप मॉनिटर और स्लीप सेंसर का उपयोग किया। एपनिया-हाइपोमेनिया इंडेक्स (EAHI) का उपयोग करके खर्राटों और नींद के चरणों को चिन्हित किया गया। साथ ही, ब्लड प्रेशर मॉनिटर का उपयोग करके रक्तचाप का रिकॉर्ड किया गया।

क्‍या पता चला
यह पता चला कि नियमित खर्राटे गहरे रूप से हाई ब्लड प्रेशर या अन नियंत्रित हाइपरटेंशन से जुड़े हैं। अध्ययन ने पाया कि मध्यम आयुवर्ग के पुरुषों में यह समस्या अधिक देखने को मिली, खासतौर पर उन लोगों में जिनका वजन सामान्य से अधिक था। यह भी पाया गया कि स्लीप-संबंधी समस्या भी इस समस्या का कारण हो सकती है, जो इलाज से ठीक किया जा सकता है।

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