UP Scheme : किसान भाइयों को घर जाकर पैसा देगी सरकार, जानिए योगी सरकार की नई स्कीम 

प्रदेश में अधिक से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर को आधार सीडिंग एवं ई-केवैसी अभियान के तहत निर्देश दिया है। न्याय पंचायत और राजस्व के अधिकारी और अपार्टमेंट ई-केवैसी की सूची के साथ-साथ घर-घर विक्रेता किसानों से संपर्क करेंगे और ई-केवैसी और आधार सीडिंग का कार्य पूरा करेंगे।

 

सीडिंग के साथ-साथ ई-कैवैसी दिशा-निर्देश
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में अधिक से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर को आधार सीडिंग एवं ई-केवैसी अभियान के तहत निर्देश दिया है। न्याय पंचायत और राजस्व के अधिकारी और अपार्टमेंट ई-केवैसी की सूची के साथ-साथ घर-घर विक्रेता किसानों से संपर्क करेंगे और ई-केवैसी और आधार सीडिंग का कार्य पूरा करेंगे।

ग्राम सरकारी रबी विद्यार्थी एवं किसान समितियों में भी ई-केवैसी का अभियान जारी। इसके लिए राज्य सरकार ने विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 15वीं किस्त निर्गत करने से पूर्व सभी पात्र किसानों के भूलेख अंकन और बैंक खाता आधार सीडिंग के साथ-साथ ई-केवाईसी शुरू करने का निर्देश दिया है।

मुख्य विकास अधिकारी के लिए पर्यवेक्षण
उप कृषि निदेशक अपने जिलों में शिक्षकों की रजिस्ट्री में इंडिया पोस्ट पठानकोट बैंक और जन सेवा केंद्र के समन्वयक के साथ बैठक कर अभियान को गति देंगे। जिला स्तर पर अभियान की निगरानी के लिए मुख्य विकास अधिकारी निवेशक अधिकारी होंगे, जो प्रतिदिन समीक्षा करेंगे।

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कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया
इस कार्य में सभी कर्मचारियों के फोन पर ई-केवैसी मोबाइल के लिए ऐप डाउनलोड करें। जिला, तहसील एवं विकासखंड के राजकीय कृषि बीज भंडार स्थापित- किसान सेवा केंद्र या सहयोगी कार्यालय भी क्रियाशील रहेंगे। सभी सहयोगी डेस्क पर कृषि विभाग के कर्मचारियों के लिए फ़ेशियल ई-केवैसी की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप डाउनलोड किया जाएगा।


रोज़ होगी सभी श्रमिकों की समीक्षा
कृषि विभाग के विकास खंड स्तर के सरकारी कृषि बीज भंडारों पर भी जन सेवा विभाग व इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के प्रतिनिधि ई-केवैसी की सुविधा और कृषि विभाग की सुविधा के साथ-साथ पंजीकृत लोग भी हैं। जिन किसानों का भूलेख अंकन नहीं हुआ है, उनकी सूची व खसरा खतौनी की प्रति को तहसील को अंकित भूलेख अंकन का कार्य पूर्ण दस्तावेज़ मिलेगा। सभी श्रमिकों की दैनिक समीक्षा भी होगी।