GOVT Schemes: छात्रों के लिए खुशखबरी, मोदी सरकार ने दिया बड़ा तोफ़ा
केंद्रीय सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) कार्यक्रम की अनुमति दी है। केंद्रीय और राज्य संचालित उच्च शिक्षा संस्थानों को इस कार्यक्रम से एक ही प्लेटफॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का एक्सेस मिलेगा।
INFLIBNET, सब्सक्रिप्शन इन्फॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क, इसे लागू करेगा। इस कार्यक्रम के लिए 2027 तक तीन साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। योजना को लेकर आपके मन में भी कई प्रश्न उठेंगे। तो चलिए आपके इन सवालों का उत्तर जानते है।
केंद्रीय सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) कार्यक्रम की अनुमति दी है। केंद्रीय और राज्य संचालित उच्च शिक्षा संस्थानों को इस कार्यक्रम से एक ही प्लेटफॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का एक्सेस मिलेगा। INFLIBNET, सब्सक्रिप्शन इन्फॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क, इसे लागू करेगा। इस कार्यक्रम के लिए 2027 तक तीन साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। योजना को लेकर आपके मन में भी कई प्रश्न उठेंगे। तो चलिए आपके इन सवालों का उत्तर जानते है।
प्रश्न: वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) कार्यक्रम का क्या उद्देश्य है?
जवाब—यह एक राष्ट्रीय सदस्यता कार्यक्रम है, जिसके तहत सभी केंद्रीय और राज्य संचालित उच्च शिक्षा संस्थानों को एक ही मंच पर अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का एक्सेस मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
जवाब: इस योजना का उद्देश्य सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक पहुंच देना है।
यह प्रश्न है कि इस योजना के तहत कितनी पत्रिकाएं उपलब्ध होंगी?
जवाब—वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना के तहत लगभग 13000 पत्रिकाएं उपलब्ध होंगी।
सवाल: इस योजना पर कितना धन खर्च किया गया है?
जवाब: अगले तीन वर्षों, यानी 2027 तक, योजना का बजट छह हजार करोड़ रुपये है।
केंद्रीय सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) कार्यक्रम की अनुमति दी है। केंद्रीय और राज्य संचालित उच्च शिक्षा संस्थानों को इस कार्यक्रम से एक ही प्लेटफॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का एक्सेस मिलेगा। INFLIBNET, सब्सक्रिप्शन इन्फॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क, इसे लागू करेगा। इस कार्यक्रम के लिए 2027 तक तीन साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। योजना को लेकर आपके मन में भी कई प्रश्न उठेंगे। तो चलिए आपके इन सवालों का उत्तर जानते है।
सवाल: वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना में कौन-से संगठनों को शामिल किया जाएगा?
जवाब—इस योजना में सभी सरकारी उच्च शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय, कॉलेज और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, जैसे आईआईटी और आईआईएस, शामिल होंगे।
योजना की शुरुआत कब होगी?
जवाब: योजना 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगी।
प्रश्न: इस योजना में सदस्यता के लिए कोई शुल्क लगाया जाता है?
जवाब: नहीं, यह योजना पूरी तरह से मुफ्त है और सरकार इसका पूरा खर्च उठाएगी।
प्रश्न यह है कि व्यक्तिगत संस्थान अलग से सदस्यता ले सकते हैं?
जवाब: हां, इस योजना में शामिल नहीं होने वाले प्रकाशकों की सदस्यता लेने के लिए संस्थान अपने बजट का उपयोग कर सकते हैं।
केंद्रीय सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) कार्यक्रम की अनुमति दी है। केंद्रीय और राज्य संचालित उच्च शिक्षा संस्थानों को इस कार्यक्रम से एक ही प्लेटफॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का एक्सेस मिलेगा। INFLIBNET, सब्सक्रिप्शन इन्फॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क, इसे लागू करेगा। इस कार्यक्रम के लिए 2027 तक तीन साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। योजना को लेकर आपके मन में भी कई प्रश्न उठेंगे। तो चलिए आपके इन सवालों का उत्तर जानते है।
Question: इस योजना में शामिल प्रमुख प्रकाशकों की सूची क्या है?
जवाब—इस योजना में अग्रणी प्रकाशकों में अल्सेवियर साइंसडायरेक्ट, स्प्रिंगर नेचर, विले ब्लैकवेल पब्लिशिंग, टेलर एंड फ्रांसिस, सेज पब्लिशिंग, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस और बीएमजे जर्नल्स शामिल हैं।
क्या यह योजना केवल उच्च विद्यालयों के लिए है?
जवाब: नहीं, इस योजना में विकास और खोज संस्थाएं भी शामिल होंगी।
अब सवाल उठता है कि इस योजना का फायदा किसे मिलेगा?
जवाब: कम संसाधन वाले संस्थानों को वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का लाभ मिलेगा।
ONOS योजना में कितने विदेशी प्रकाशक शामिल हैं?
जवाब—इस योजना में ३० अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक शामिल हैं।
केंद्रीय सरकार ने 'वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) कार्यक्रम की अनुमति दी है। केंद्रीय और राज्य संचालित उच्च शिक्षा संस्थानों को इस कार्यक्रम से एक ही प्लेटफॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं का एक्सेस मिलेगा। INFLIBNET, सब्सक्रिप्शन इन्फॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क, इसे लागू करेगा। इस कार्यक्रम के लिए 2027 तक तीन साल के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। योजना को लेकर आपके मन में भी कई प्रश्न उठेंगे। तो चलिए आपके इन सवालों का उत्तर जानते है।
सवाल: इस योजना से कितने संगठनों को फायदा होगा?
जवाब: इस योजना से लगभग 6300 संस्थान लाभ उठाएंगे।
प्रश्न: ONOS योजना सभी मुद्दों को समाधान करेगी?
जवाब: हां, सभी शैक्षणिक मुद्दे इस योजना में शामिल हैं।
सवाल है कि क्या यह कार्यक्रम सिर्फ सरकारी संस्थानों के लिए है?
जवाब: हां, सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और रिसर्च डेवलपमेंट संस्थानों ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इस योजना में शामिल पत्रिकाओं का चयन कैसे हुआ?
जवाब: इस योजना में शामिल अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों ने पत्रिकाओं का चयन किया है।
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