पशु पलने वालो के लिए Good News, सरकार ने बनाई नया प्लान, पशुओं के इलाज लिए  शुरू हुई 406 पशु एम्बुलेंस, यहां करना होगा मिस्ड कॉल..

पशु चिकित्सा एम्बुलेंस की शुरुआत देश में पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा पशु एम्बुलेंस सुविधा शुरू की जा रही है..
 

पशु चिकित्सा एम्बुलेंस की शुरुआत देश में पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा पशु एम्बुलेंस सुविधा शुरू की जा रही है। मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 12 मई को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर गौरक्षा संकल्प सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। साथ ही प्रदेश के शहरी क्षेत्रों सहित सभी विकासखंडों के लिए 406 पशु चिकित्सा एम्बुलेंस को रवाना करेंगे। गौ-संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने उक्त जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि सम्मेलन में कार्यक्रम की अध्यक्षता पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल करेंगे। सम्मेलन में गौ-संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य करने वाले शासकीय विभागों के प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संगठन, पर्यावरण एवं जैविक, प्राकृतिक कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रबुद्ध वर्ग, गौशाला संचालक, स्व-सहायता समूह, गौ-संरक्षण में संलग्न सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेंगे।

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कॉल करके पशुपालक ले सकेंगे पशु चिकित्सा एम्बुलेंस का लाभ
मोबाइल पशु चिकित्सा एम्बुलेंस केन्द्र एवं राज्य शासन की संयुक्त योजना है। एम्बुलेंस संचालन में प्रतिवर्ष लगभग 77 करोड़ रूपये खर्च होंगे। इसमें केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 60:40 होगा। एम्बुलेंस में पशु उपचार, शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग परीक्षण आदि के लिए सभी संबंधित उपकरण मौजूद रहेंगे।

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कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर “1962” पर कॉल करके पशुपालक अपने घर पर ही पशु चिकित्सा का लाभ उठा सकेंगे। एम्बुलेंस में एक पशु चिकित्सक, पैरावेट और सहायक सह-चालक रहेंगे। एम्बुलेंस राज्य स्तरीय कॉल सेंटर से जुड़ी रहेंगी। एम्बुलेंस की मॉनिटरिंग जीपीएस से की जायेगी।

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स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने बताया कि गौवंश संरक्षण राज्य शासन की प्राथमिकता में शामिल है। मध्यप्रदेश गौवंश संरक्षण और रक्षा के लिए कड़े कानून लागू करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में हैं। गौवंश वध प्रतिशेध अधिनियम में गाय का वध करने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है। प्रदेश में 1762 गौशालाओं में 2 लाख 87 हजार गौवंश का पालन हो रहा है। वर्ष 2022-23 में इनके चारे के लिए 202 करोड़ 34 लाख का अनुदान वितरित किया गया।