हवाई जहाज के इंजिन मे क्यों फेंके जाते हैं मुर्गे? अगर हाँ तो क्यों किया जाता है ऐसा?
Airplane Engine Chicken Test: आपने शायद कई बार हवाई जहाज़ में बैठकर हवाई जहाज़ से जुड़े कई फैक्ट्स सुने होंगे। उड़ान तंत्र से लेकर उड़ान के नियमों तक, इंटरनेट पर विभिन्न लेखों के माध्यम से सोशल मीडिया पर बहुत सारी जानकारी साझा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया यह भी बता रहा है कि कई बार मुर्गे को हवाई जहाज के इंजन में फेंक दिया जाता है। आप भी सोच रहे होंगे कि मुर्गे को इंजन में फेंकने के पीछे क्या तर्क हो सकता है और मुर्गे को इंजन में क्यों फेंका जाता है।
तो चलिए आपको बताते हैं कि क्या ये सच है और अगर ये सच है तो हवाई जहाज के इंजन पर मुर्गे को फेंकने के पीछे क्या लॉजिक है? इस लेख के बाद आपको समझ मे आ जाएगा कि ऐसा क्यों किया जाता है।
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क्या सच में इंजन मे मुर्गे फेंके जाते है?
जब हम मुर्गियों को इंजन में फेंकने की बात करते हैं, तो यह बिल्कुल सही है। दरअसल, ऐसा विमान के इंजन की जांच के लिए किया जाता है। यह परीक्षण पक्षी के विमान से टकराने और उसके उड़ान पंखों की जांच करने के बाद किया जाता है। द सन के अनुसार, ब्रिटिश एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ने कहा कि परीक्षण किया गया था और प्रत्येक विमान को पक्षियों के हमलों के लिए जाँच करने की आवश्यकता थी।
हम आपको बता दें कि यह परीक्षण एक विशेष बर्ड गन या बर्ड कैनन से किया जाता है। इसमें ढेर सारी मुर्गियां होती हैं, जिससे विमान के इंजन में पक्षियों के टकराने की तरह मुर्गियों को फेंका जाता है और देखते हैं कि यह इंजन इस स्थिति को संभाल पाता है या नहीं। यह विंडशील्ड और इंजन दोनों पर होता है। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार 1950 के दशक में हर्टफोर्डशायर के डे हैविलैंड एयरक्राफ्ट फैक्ट्री में किया गया था। मृत मुर्गियों का उपयोग किया जाता है और यह देखने के लिए इंजन की जाँच की जाती है कि कहीं उसमें आग तो नहीं लगी है।
ऐसा करने के लिए, विंडशील्ड में अधिकतम 2-4 किलो वजनी मुर्गियां फेंकी जाती हैं। यह टेकऑफ के समान थ्रस्ट पैदा करके किया जाता है और यह एक बहुत प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण परीक्षण है। ऐसे में अगर आपको इस टेस्ट के बारे में बाद में पता चले तो हैरान न हों।