अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने के कारण सीईओ की बढ़ी मुश्किलें
 

SVB: इस शख्स की एक गलती से डूब गया अमेरिका का ये बड़ा बैंक, सीईओ की बढ़ी मुश्किलें
 

Silicon Valley Bank:अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने के बाद कई बैंक इसकी जद्द में आ गए हैं. हफ्तेभर में 3 बैंक कंगाली की कगार पर आ गए. आइए जानते हैं...आखिर इतने बड़े बैंक के डूबने का जिम्मेदार कौन है?

Silicon Valley Bank:सिलिकॉन वैली बैंक  पर अमेरिकी रेगुलेटर्स ने ताला लगा दिया है. ऐसे इसकी चर्चा दुनियाभर में होने लगी है. अमेरिका के जिस बैंक के बारे में हफ्तेभर पहले ज्यादातर लोग जानते भी नहीं थे, वो भी अब इस बैंक के डूबने की चर्चा करने लगे हैं. बैंक डूबने से चरों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. बैंक के दिवालिया या बंद होने से न केवल अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर की हालत ख़राब हो गई है बल्कि दुनियाभर में मंदी का खतरा मंडराने लगा है.

अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने के बाद कई बैंक इसकी जद्द में आ गए हैं. हफ्तेभर में 3 बैंक कंगाली की कगार पर आ गए. अमेरिका में बैंक बंदी से भारत के बैंकिंग सेक्टर पर असर पड़ने की आशंका है. ऐसे में बैंक की ये हालत कैसे हुई, किसके हाथों में इस बैंक की कमान थी ये भी जानना बहुत जरुरी है. तो आइए आपको बताते हैं किसकी गलती से डूब गया अमेरिका का ये बड़ा बैंक.

CEO की बढ़ी मुश्किलें

सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने का दर्द अभी सभी झेल ही रहे थे कि कंपनी के CEO ग्रेग बेकर (Greg Becker) को एक और बड़ा झटका लगा. आपको बता दें, कंपनी के शेयर होल्डर्स में बैंक की पैरेंट कंपनी SVB फाइनेंशियल ग्रुप और इसके सीईओ ग्रेग बेकर के खिलाफ फ़ेडरल कोर्ट में केस दर्ज कराया है. शेयर होल्डर्स ने कंपनी के CEO पर बैंक से जुड़ी जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है. CEO ग्रेग बेकर पर आरोप है कि बैंक बंद होने से पहले ग्रेग ने 36 लाख डॉलर के शेयर बेचे थे. साथ ही उनके खराब फैसलों की वजह से और उनकी गलती से बैंक डूबा है.

कौन है बैंक के बैंक डूबने का जिम्मेदार?

यूएस टेक सेक्टर और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के पीछे सीईओ ग्रेग बेकर का हाथ है. उन्ही की गलती से बैंक डूबा है. वहीं बैंक में एसेट मैनेजमेंट में काम कर रहे कई कर्मचारियों का भी कहना है कि उनके गलत फैसलों की वजह से बैंक डूबा है. उनपर आरोप है कि सीईओ की ट्रांसपेरेंसी का कारण बैंक की ये हालत हुई है. सीईओ ने जैसे ही कैपिटल में 2.25 अरब डॉलर और असेट्स सेल्स में 21 अरब डॉलर फंड जुटाने का ऐलान किया.

ऐलान के बाद से टेक स्टार्टअप्स ने 24 घंटे के अंदर 42 अरब डॉलर बैंक से निकाल लिए. जिसके बाद से बैंक के नुकसान की शुरुआत हो गई थी. पैसे निकलने के बाद बैंक का 985 मिलियन डॉलर के निगेटिव कैश बैलेंस रह गया. वहीं मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक फेडरल रिजर्व भी जिम्मेदार है.