DOWRY CASES IN INDIA : भारत में दहेज अपराध के मामलों में बीते एक साल में 400 फीसदी का इज़ाफा
2003 में NISHA SHARMA 21 साल की एक ENGINEERING STUDENT थी। MUNISH DALAL एक 25 साल का ENGINEER था जो एक LOCAL COLLEGE में LECTURER था। NISHA के माता पिता DEV DUTT OR HEMLATA ने अखबार में MATRIMONIAL ADVERTISEMENT दी थी। MUNISH की मां VIDYA DEVI LAL जो विधवा थी उन्होने इस ADVERTISEMENT का जवाब दिया और NISHA के माता पिता से बात चीत की। बात चीत के बाद NISHA OR MUNISH की शादी 11 MARCH 2003 को NOIDA में रख दी गई जहां पर NISHA का परिवार रहता था।
NISHA के पिता का CAR BATTERY MANUFACTURING PLANT था। उन्होने अपनी बेटी को शादी में देने के लिए बहुत से तोफे लिए जैसे कि REFRIGERATOR, MICROWAVE, TELEVISION OR WASHING MACHINE और बहुत सारी ARRANGEMENTS की।
NISHA ने कहां शादी के दिन जब NISHA के माता पिता ने उनका स्वागत किया उस वक्त MUNISH DALAL की मां ने 12 लाख रूपये CASH OR एक MARUTI ESTEEM CAR की DEMAND रखी लेकिन जब NISHA के पिता ने कहां की वह उनकी DEMAND को पूरा नहीं कर सकते तो DALAL FAMILY ने गाली गलोच शुरू कर दिया। NISHA के पिता को MUNISH DALAL की मां ने थप्पड़ मारा और दलाल की बुआ ने उन पर थूका। तब NISHA ने अपनी आई हुई बारात वापस भेज दी।
19 NOVEMBER 2003 को NISHA ने ASHWINI SHARMA से शादी कर ली जो एक COMPUTER ENGINEER था।
JANUARY 2004 मेंं NISHA OR उसके पती OR भाई को OPRAH WINFREY ने अपने TALK SHOW में भी बुलाया।
NISHA SHARMA के बहुत जगह INTERVIEWS भी लिए गए।इसके बाद निशा शर्मा को आयरन लेडी तक कहा गया, उनकी तस्वीर हर अखबार में कई दिनों तक छपती रही। इसके लिए कई संगठनों ने निशा को सम्मानित किया। लड़कियों को निशा शर्मा जैसा बनने का उदाहरण दिया जाने लगा, लेकिन निशा शर्मा और उनका परिवार अदालत में अपना केस हार चुका। नोएडा की जिला अदालत ने 9 साल बाद अपना फैसला सुनाया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
Nisha ने dalal, dalal की मां और उसकी बुआ के खिलाफ report दर्ज करवाई थी । Dalal's के lawyer ने National Human Rights Commission of India में appeal file की। दलाल ने निशा पर द्विविवाह का आरोप लगाते हुए मुकदमा लगवाया था।
29 February 2012 को district court ने dalal or उसकी FAMILY को मुक्त कर दिया क्योकि NISHA के परिवार के पास कोई सबूत नही था। इस वजह से वो CASE हार गई लेकिन फिर भी वो सबके लिए एक INSPIRATION बनी।
DOWRY SYSTEM: दहेज प्रथा क्या है? दहेज प्रथा यह होती है जब शादी के वक्त लडकी का परिवार लडके के परिवार को नकदी, संपत्ति, फर्नीचर, कार और अन्य प्रॉपर्टी देते है। उनका मानना यह है कि यह सब लडके के परिवार को इसलिए दिया जाता है ताकि उनकी बेटी का परिवार में एक अस्तितव बना रहे लेकिन भारत में अब ये एक चलन ही बन गया हैं।
परन्तु आप सब यह जानते ही होंगे की दहेज लेना और देना दोनों Dowry Prohibition Act, 1961 के अन्दर अपराध माना जाता हैं और इस ACT में 6 महिने से लेकर 2 साल तक की सजा हो सकती हैं और जुर्माने के तौर पर 10 हजार रूपए तक का जुर्माना भी भरना पड सकता हैं। लेकिन फिर भी लोग दहेज मांगना बंद नहीं करते कई लोगो के लिए आज भी दहेज एक महत्वपूर्ण चीजों में से एक हैं। कई लोगो का आज भी यह मानना है दहेज देना लडकियों के लिए बहुत जरूरी और लाभकारी हैं। दहेज ना देने पर लडकी को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड सकता हैं।
पहले शादी के वक्त लड़की का परिवार इसलिए दहेज़ देता था क्यूंकि उस समय लड़की का अपने पिता की सम्पति पर कोई अधिकार नहीं होता था इसलिए शादी के समय एक पिता अपनी बेटी को आशीर्वाद के रूप में उसका अधिकार दे दिया करता था लेकिन कुछ समय से इस प्रथा में यह बदलाव आया है कि लडके कें परिवार के लोग सामने से दहेज़ की मांग करने लगे है। दहेज ना देने पर या उनकी मांगो को पूरा ना करने पर लडकी को मारा पीटा जाता है या उसको घर से निकाल दिया जाता हैं। दहेज़ प्रथा के कारण ना जाने कितनी महिलाओं को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ता है।
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DOWRY SYSTEM को सबसे पहले किसने शुरू किया
ROMAN EMPIRE के दवारा DOWRY SYSTEM को ढुंडा गया । DOWRY SYSTEM को सबसे पहले BABYLON ने शुरू किया था जोकि IRAQ में स्थित हैं ।
NCRB (National Crime Records Bureau) REPORT OF 2022
NCRB (National Crime Records Bureau) के अनुसार, यह पाया गया हैं कि 2022 में UTTAR PRADESH में सबसे अधिक संख्या में DOWRY CASES पाए गए हैं । 32 प्रतिशत और आकडो के अनुसार, 6851 में से 2211 DOWRY DEATH CASES UTTAR PRADESH में पाए गए है ।
हर राज्य की खबर
भारत में कई सारे राज्य हैं और हर राज्य में DOWRY CRIME CASES अलग अलग संख्या में पाए गए है जो मैं आपको एक TABLE के माध्यम से दिखाना चाहुगी जिसमें हमने 2020 और 2021 का DATA लिया है।
| S.NO. |
NAME OF STATES |
2020 |
2021 |
| 1 |
ANDHRA PRADESH |
29 |
109 |
| 2 |
ARUNACHAL PRADESH |
0 |
0 |
| 3 |
ASSAM |
33 |
198 |
| 4 |
BIHAR |
151 |
1000 |
| 5 |
CHATTISGARH |
4 |
65 |
| 6 |
GOA |
0 |
0 |
| 7 |
GUJARAT |
1 |
11 |
| 8 |
HARYANA |
12 |
275 |
| 9 |
HIMACHAL PRADESH |
1 |
2 |
| 10 |
JHARKHAND |
56 |
281 |
| 11 |
KARNATAKA |
16 |
163 |
| 12 |
KERALA |
2 |
9 |
| 13 |
MADHYA PRADESH |
55 |
523 |
| 14 |
MAHARASHTRA |
24 |
172 |
| 15 |
MANIPUR |
1 |
2 |
| 16 |
MEGHALAYA |
0 |
0 |
| 17 |
MIZORAM |
0 |
0 |
| 18 |
NAGALAND |
0 |
0 |
| 19 |
ODISHA |
284 |
293 |
| 20 |
PUNJAB |
6 |
69 |
| 21 |
RAJASTHAN |
67 |
454 |
| 22 |
SIKKIM |
0 |
0 |
| 23 |
TAMIL NADU |
5 |
27 |
| 24 |
TELANGANA |
46 |
175 |
| 25 |
TRIPURA |
21 |
22 |
| 26 |
UTTAR PRADESH |
52 |
2235 |
| 27 |
UTTARAKHAND |
0 |
72 |
| 28 |
WEST BENGAL |
303 |
471 |
| TOTAL STATES |
1169 |
6628 |
|
| UNION TERRITORIES |
|||
| 29 |
A&N ISLAND |
0 |
1 |
| 30 |
CHANDIGARH |
0 |
4 |
| 31 |
D&N HAVELI AND DAMAN & DIU |
0 |
0 |
| 32 |
DELHI |
109 |
144 |
| 33 |
JAMMU KASHMIR |
1 |
16 |
| 34 |
LADAKH |
0 |
0 |
| 35 |
LAKSHADWEEP |
0 |
0 |
| 36 |
PONDICHERRY |
0 |
2 |
| TOTAL UNION TERRITORIES |
2 |
167 |
|
| TOTAL ALL INDIA |
1279 |
6795 |
|
जब हमने 2020 और 2021 के dowry cases की तुलना करी तो 2020 में 1279 और 2021 में 6795 CASES पूरे भारत में पाए गए हैं। हमने पाया की 400% dowry cases में बढहोतरी हुई है। 2021 में uttar pradesh में 2235 dowry death cases पाए गए जबकि 2020 में सिर्फ 52 cases पाए गए थें। BIHAR में 2021 में 1000 CASES पाए गए जबकि 2020 में सिर्फ 151 cases पाए गए थें। REPORT के अनुसार हमने पाया कि 2021 सबसे ज्यादा dowry death cases uttar pradesh में पाए गए हैं।
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अगर हम SOUTHERN STATES के कई आकडों को देखे तो पाया गया है कि 2019, 2020 में KARNATAKA और 2021 में TELANGANA में सबसे ज्यादा DOWRY DEATHS पाए गए हैं ।
| STATES/YEAR |
KERALA |
TAMIL NADU |
ANDHRA PRADESH |
TELANGANA |
KARNATAKA |
| 2019 |
8 |
28 |
112 |
163 |
194 |
| 2020 |
6 |
40 |
111 |
158 |
176 |
| 2021 |
9 |
27 |
108 |
175 |
158 |
हमारे देश में बहुत सारी METROPOLITAN CITIES भी हैं कहने को तो इन्हे DEVELOPED CITIES कहा जाता हैं परन्तु फिर भी यहा पर दहेज के CASES पाए जाते हैं।
| S.NO. |
NAME OF STATES |
2020 |
2021 |
| 1 |
DELHI |
109 |
144 |
| 2 |
LUCKNOW |
48 |
51 |
| 3 |
JAIPUR |
26 |
34 |
| 4 |
KANPUR |
30 |
32 |
| 5 |
BANGALORE |
28 |
26 |
| 6 |
PATNA |
24 |
20 |
| 7 |
GHAZIABAD |
11 |
18 |
| 8 |
INDORE |
20 |
17 |
| 9 |
HYDERABAD |
21 |
15 |
| 10 |
MUMBAI |
12 |
12 |
| 11 |
KOLKATA |
9 |
5 |
| 12 |
PUNE |
6 |
4 |
| 13 |
SURAT |
0 |
3 |
| 14 |
KOCHI |
0 |
1 |
| 15 |
CHENNAI |
3 |
1 |
| TOTAL CITIES |
347 |
383 |
अगर हम METROPOLITAN CITIES की बात करे तो 2021 में सबसे ज्यादा CASES DELHI में पाए गए । 2021 की REPORT के अनुसार DELHI में 144 CASES पाए गए जबकि 2020 में इनकी संख्या 109 थी और भी ऐसी METRO CITIES है जैसे की LUCKNOW,JAIPUR और KANPUR जहां पर CASES बढते हुए नजर आए हैं लेकिन कुछ ऐसी METRO CITIES भी है जहां पर CASES में गिरावट हुई जैसे कि BANGALORE, PATNA, INDORE, HYDERABAD, CHENNAI ।
जैसे की NISHA SHARMA CASE में NISHA का कहना है कि उनसे दहेज मांगा गया और दहेज ना देने पर गाली गलोच हुई और बारात वापस लौटा दी हालाकि वह CASE हार गई फिर भी वो सबके लिए एक INSPIRATION बनी।
ऐसे ही हर लडकी को अपनी आवाज खुद उठानी होगी। ये तो अब हम सब जान ही गए है कि दहेज प्रथा का पूरी तरह से समाप्त होना मुश्किल हैं लेकिन हमें दहेज प्रथा को कम करने की कोशिश करनी होगी ताकि जिस परिवार में लडकियों को दहेज के कारण मारा पीटा जाता है या घर से निकाल दिया जाता हैं उन सबको इससे मुक्ति मिल सके और वह अपना पूरा जीवन खुशी से जी पाए लेकिन इस काम की शुरूआत हर एक इंसान को खुद से करनी होगी अगर इसमें सुधार नहीं हुआ तो आने वाली पीढी को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड सकता हैं।