RBI का न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक तगड़ा एक्शन, ग्राहकों का पैसा फंसा

RBI News:भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर कड़े बैन लगा दिए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने इस बैंक पर किसी भी तरह के लेनदेन, लोन पास करने और पैसों की निकासी पर प्रतिबंद लगा दिए हैं.
 

RBI News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर कड़े बैन लगा दिए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने इस बैंक पर किसी भी तरह के लेनदेन, लोन पास करने और पैसों की निकासी पर प्रतिबंद लगा दिए हैं. इन प्रतिबंधों के तहत बैंक अब नए लोन जारी नहीं कर सकेगा. इसके अलावा ग्राहकों के पैसों की निकासी पर भी रोक लगा दी गई है. बता दें, RBI ने अगले 6 महीने तक ये प्रतिबंध लागू किये हैं.

RBI ने क्यों लिया यह कड़ा फैसला?

RBI ने यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति और पारदर्शिता(liquidity) को लेकर बढ़ती चिंताओं के चलते उठाया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, यह कार्रवाई जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए की गई है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बैंक की कमजोर आर्थिक स्थिति का असर उसके ग्राहकों पर न पड़े।

RBI ने अपने नोटिस में क्या कहा?

RBI द्वारा जारी आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि 13 फरवरी 2025 के कारोबार की समाप्ति के बाद से बैंक बिना RBI की पूर्व लिखित अनुमति के किसी भी प्रकार का ऋण जारी या नवीनीकरण नहीं कर सकेगा। इसके अलावा, बैंक को किसी भी तरह का नया निवेश करने, कोई नई देनदारी लेने, फंड उधार लेने, कोई भुगतान करने, संपत्तियां बेचने या किसी भी वित्तीय गतिविधि को अंजाम देने से भी रोक दिया गया है।

बैंक की वित्तीय स्थिति पर संकट के संकेत (New India Co-Operative Bank Crisis)

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पिछले कुछ वर्षों से भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 में बैंक को 227.8 मिलियन रुपये का नुकसान हुआ था।

इससे पहले, वित्त वर्ष 2022-23 में बैंक को 307.5 मिलियन रुपये का घाटा हुआ था।

बैंक की लोन बुक मार्च 2024 तक घटकर 11.75 बिलियन रुपये रह गई, जो पिछले वर्ष 13.30 बिलियन रुपये थी।

हालांकि, बैंक की जमा राशि में मामूली वृद्धि हुई और यह 24.36 बिलियन रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष 24.06 बिलियन रुपये थी।

क्या न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द हो गया है?

नहीं, RBI ने स्पष्ट किया है कि बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है। यह एक अस्थायी प्रतिबंध है, जिसका उद्देश्य बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने का मौका देना है। RBI बैंक की स्थिति पर लगातार नजर रखेगा और आगे की परिस्थितियों के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

क्या इससे पहले भी हुए हैं ऐसे सख्त फैसले?

RBI पहले भी कई को-ऑपरेटिव बैंकों पर कड़ी कार्रवाई कर चुका है। 2019 में, पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) पर भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे, जब उसमें बड़े वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ था। बाद में, Centrum Financial Services ने PMC बैंक का अधिग्रहण कर लिया था।