Personal Loan News: चाहते है पर्सनल लोन रिजेक्ट ना हो, भूल से भी ना करें ये गलतीयां, वरना पछताना पड़ेगा

Personal Loan News: ज्यादातर बैंकों में इसे भुगतान करने की अधिकतम अवधि पांच वर्ष की होती है। लेकिन आपका लोन रिजेक् ट हो सकता है कुछ कारणों से। अगर आप भी पर्सनल लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो इसके बारे में यहां जानें।
 

Personal Loan News: Personal Loans एक अनसिक्योर्ड लोन हैं, जो आपको अचानक पैसे की जरूरत पड़े और आपको कहीं से मदद मिलने की उम्मीद नहीं है। सभी बैंक आपको पर्सनल लोन की सुविधा देंगे। ज्यादातर बैंकों में इसे भुगतान करने की अधिकतम अवधि पांच वर्ष की होती है। लेकिन आपका लोन रिजेक्ट हो सकता है कुछ कारणों से। अगर आप भी पर्सनल लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो इसके बारे में यहां जानें।

क्रेडिट स्ट्रक्चर

क्रेडिट स्कोर पहला पॉइंट है। पर्सनल लोन का आवेदन भी रिजेक्ट किया जा सकता है अगर आपका क्रेडिट स् कोर कमजोर है। यदि आपको इस स्थिति में भी लोन मिलता है, तो वह बहुत अधिक ब्याज दर पर मिलेगा। पर्सनल लोन की ब्याज दरें पहले से ही उच्च हैं, इसलिए अगर आपको और उच्च अंतर्राष्ट्रीय दर पर लोन मिलता है, तो आपको भुगतान करना बहुत मुश्किल होगा। Credit score जितना अच्छा होगा, उतनी ही आसानी से और बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिलेगा। 750 या इससे अधिक का क्रेडिट स्कोर अच्छा है।

बार-बार स्थान बदलना

नियमित रूप से नौकरी बदलना भी एक बड़ा कारण हो सकता है। वास्तव में, बैंक व्यक्तिगत लोन देते समय आपका कामकाज रिकॉर्ड भी देखते हैं। नौकरी बदलते रहना अस्थिरता का संकेत है। इसके अलावा, बैंक आपको लंबे समय से बेरोजगार होने पर लोन देने में भी हिचकिचाते हैं। बैंक इन मामलों में लोन देना जोखिमभरा समझता है। वहीं आपके लोन अप्रूव जल्दी होता है अगर आप एक या दो साल से अधिक समय से किसी कंपनी में काम कर रहे हैं।

डीटीआई रिपोर्ट

लोन लेने वाला लोन चुकाने में सक्षम है या नहीं, इसे जानने के लिए डेट टू इनकम रेश्यो (DTI) रेश्यो देखना चाहिए।  इसके लिए, अगर आपके पास पहले से कोई लोन चल रहे हैं, तो उन्हें जोड़कर उनके योग को आपकी सैलरी से निकाला जाता है। आपका डीटीआई रेश्यो कम होगा, आपको लोन मिलने में अधिक आसानी होगी। 36% से कम रेखा आमतौर पर अच्छी है। यह बहुत अधिक हो सकता है, जो लोन लेने में बाधा डाल सकता है।

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एक समय में कई जगह लोन लेना आपके लिए दिक्कत पैदा कर सकता है। यह आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव डालता है। दरअसल, हर बार जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड चाहते हैं, बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को क्रेडिट ब्यूरो से मांगता है, जिसे हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है। जब भी हार्ड इन्क्वायरी होती है, क्रेडिट स्कोर थोड़ा नीचे आ जाता है। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में हर बार की गई हार्ड इन्क्वायरी के विवरण भी हैं। इससे आपका प्रोफाइल गलत हो सकता है।