Inflation In Sepetmber: सब्जियों के बढ़ते दाम के कारण बढ़ रही महंगाई, RBI गर्वनर ने बताया इस महिने मिलेगी राहत 

Inflation In Sepetmber: टमाटर की कीमतों में गिरावट, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बंदिशों और घरों में इस्तेमाल होने वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी का हवाला देते हुए केंद्र सरकार की कार्रवाई का हवाला दिया।
 

Inflation In Sepetmber: इस महीने लोगों को लगातार बढ़ती महंगाई से राहत मिल सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस महीने खुदरा महंगाई कम हो सकती है। उन्होंने टमाटर की कीमतों में गिरावट, गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बंदिशों और घरों में इस्तेमाल होने वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी का हवाला देते हुए केंद्र सरकार की कार्रवाई का हवाला दिया।

अगस्त में महंगाई दर काफी अधिक होगी

आरबीआई गवर्नर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे। इससे पहले, उन्होंने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में भी भाग लिया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा, "सितंबर से खुदरा महंगाई दर घटनी शुरू हो जाएगी।" हालाँकि अगस्त में खुदरा महंगाई बहुत अधिक रहेगी, सितंबर से महंगाई कम हो सकती है।"

रसोई गैस सिलेंडर की लागत घटी

उनका कहना था कि टमाटर की कीमत पहले ही गिर गई है। इस महीने दूसरी सब्जियों का खुदरा मूल्य भी कम होने वाला है। दास ने कहा कि सरकार ने लोगों को किफायती दरों पर टमाटर और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। "गैर बासमती चावल के निर्यात पर बंदिशें लगाई गई हैं," उन्होंने कहा। हाल ही में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में कमी आई है।जुलाई में खुदरा महंगाई दर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सब्जियों सहित खाने का सामान महंगा होने से दर उछलकर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह पिछले 15 महीने का सर्वोच्च स्तर था। जुन में इसकी दर 4.81 प्रतिशत थी। आरबीआई को खुदरा महंगाई दर को चार प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी दी गई है, जो दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, "जुलाई में महंगाई दर ऊंचे स्तर पर रही।" सबको इससे आश् चर्य हुआ। हमें उम्मीद थी कि जुलाई में टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतें अधिक होंगी।"

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। दास ने कहा कि भारतीय बैंकों की सुदृढ़ता और स्थिरता पुख्ता नियमन उपायों से मिलती है, "लेकिन घरेलू वित्तीय जगत को हमेशा मुस्तैद रहने की जरूरत है।"" “आपने हाल ही में अमेरिका के कुछ बैंकों और स्विट्जरलैंड में क्रेडिट सुइस जैसे बड़े बैंक को नाकाम होते देखा होगा,” उन्होंने कहा। भारत इस विश्वव्यापी घटना से प्रभावित नहीं हुआ।"