Employees new scale: कर्मचारियो के लिए खुश खबरी, लागु होगा नया वेतनमान 

1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे वित्तीय वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश में वेतन, इसके ग्रांट अनुदान और दिहाड़ी देने पर इस बार 939.9 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे, जबकि पेंशन पर 903.58 करोड़ रुपये व्यय होंगे। यानी कर्मचारियों और पेंशनरों पर सरकार का 1843.48 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्चा होगा।
 

1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे वित्तीय वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश में वेतन, इसके ग्रांट अनुदान और दिहाड़ी देने पर इस बार 939.9 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे, जबकि पेंशन पर 903.58 करोड़ रुपये व्यय होंगे। यानी कर्मचारियों और पेंशनरों पर सरकार का 1843.48 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्चा होगा। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू(Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) के इस वित्त वर्ष के लिए पेश बजट के अनुमानों के व्याख्यात्मक विवरण में स्पष्ट हुई है। अगले वित्त वर्ष में सरकारी कर्मचारियों(government employees) के वेतन पर 14,099.52 करोड़ और दिहाड़ी पर 246.07 करोड़ खर्च होंगे। कर्मियों और पेंशनरों पर यह खर्चा नया वेतनमान लागू होने से बढ़ा है।

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इन्हें अभी पिछला महंगाई भत्ता भी देना है। वेतन की ग्रांट-इन-एड(grant-in-aid of salary) पर 1798.58, गैर वेतन की ग्रांट-इन-एड 2335.68, पूंजीगत परिसंपत्तियों के ग्रांट अनुदान पर 779.97, पेंशन पर 8697.68, मरम्मत पर 2774.88, प्रमुख कार्यों पर 4726.58, निवेश पर 228.11, ऋण पर 5,506.35, ब्याज पर 5562.01, उपदान पर 1244.28, सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 1266.77 और ऊर्जा शुल्क पर 474.05 करोड़ व्यय होंगे। ऐसी तमाम मदों पर 48,752.04 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा 479.74 करोड़ रुपये का व्यय स्थापना संबंधी होगा, जिसमें यातायात पर 40.71, कार्यालयों पर 158.67, मोटर व्हीकल पर 51.66 करोड़ समेत अन्य खर्चे होंगे। 3196.35 करोड़ अन्य विषयों पर व्यय होंगे।

अपनी आमदनी तो बढ़ेगी, पर केंद्र से 1197.84 करोड़ रुपये कम मिलेंगे

प्रदेश में 37,999.87 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां होंगी। इसमें राज्य की अपनी प्राप्तियां 16,472.98 करोड़ रुपये की होंगी, जो चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13,650.60 करोड़ थीं। केंद्रीय हस्तांतरण 18,130.95 करोड़ रुपये का होगा, जिसमें केंद्र के टैक्स भी शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में जहां केंद्रीय हस्तांतरण 19,328.79 करोड़ रुपये का है, वहीं यह अगले वित्तीय वर्ष में इसमें 1197.84 करोड़ कम होगा। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 8,478.02 करोड़ रुपये होगी। केंद्रीय हिस्सेदारी का हस्तांतरण 9,652.93 करोड़ रुपये का होगा। सीएसएस ग्रांट में 3395.94 करोड़ रुपये का रहेगा। अगर पूंजीगत प्राप्तियों की बात करें तो 11,865.71 करोड़ रुपये की होंगी। इसमें से कुल ऋण 11,839.64 करोड़ रुपये का लिया जाएगा। कर्ज की रिकवरी 26.07 करोड़ होगी। राजस्व घाटा 4704.12 करोड़ और राजकोषीय घाटा 9900 करोड़ का होगा। कुल कर्ज 11,839.42 रुपये का लेंगे, जो चालू वित्त वर्ष में 11,880.02 करोड़ रुपये का है।

करों से ऐसे होगी आय

राज्य के अपने करों से प्रदेश को 13025.97 करोड़ रुपये की आय होगी। इसमें एसजीएसटी से 6263.77, भू राजस्व से 17.16, स्टांप एंड पंजीकरण से 439, राज्य आबकारी से 2350.81, वैट से 1840.05, वाहनों पर कर से 775.41, यात्री एवं वस्तु कर से 52.01, विद्युत शुल्क से 403.39 और अन्य करों से 884.37 करोड़ की राजस्व प्राप्ति होगी।
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गैर कर से आमदनी

गैर कर क्षेत्र में कुल 3447.01 करोड़ रुपये की प्राप्तियां होंगी। ऊर्जा से 1846.38, वनों से 82.93, खनन एवं खनिजों से 270.92 और अन्य से 1246.78 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।