4% बढ़ा DA! कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा ज्यादा भत्ता

केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) में 4% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी में बड़ा इजाफा होगा। जानें नए DA रेट और इसका सैलरी पर असर।

 
Haryana update, DA Hike:  केंद्र सरकार ने पहले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) में 4% की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। अब DA मौजूदा 42% से बढ़कर 46% हो गया है। यह फैसला 1 जुलाई 2025 से प्रभावी माना जाएगा।

कितने लोगों को होगा फायदा?

सरकार के इस फैसले से करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलेगा।

सरकारी खजाने पर क्या होगा असर?

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक, इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर सालाना लगभग ₹12,815.60 करोड़ का बोझ पड़ेगा। यह फैसला महंगाई को ध्यान में रखते हुए लिया गया है ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके।

DA कैलकुलेशन का तरीका

महंगाई भत्ता तय करने के लिए केंद्र सरकार निम्नलिखित फॉर्मूले का उपयोग करती है:

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए:
DA% = [(पिछले 12 महीनों का AICPI औसत - 115.76) / 115.76] x 100

सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए:
DA% = [(पिछले 3 महीनों का AICPI औसत - 126.33) / 126.33] x 100

यह फॉर्मूला औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर तय किया जाता है।

उदाहरण से समझें बढ़ा हुआ वेतन

मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹30,000 है।

  • पहले 42% DA = ₹12,600

  • अब 46% DA = ₹13,800

  • यानी हर महीने ₹1,200 का अतिरिक्त फायदा मिलेगा।

बोनस का भी ऐलान

कैबिनेट मीटिंग में केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस को भी मंजूरी दी है, जिससे उन्हें त्योहारी सीजन में अतिरिक्त राहत मिलेगी।

क्या है DA का महत्व?

DA यानी महंगाई भत्ता, कर्मचारियों की जीवन-यापन लागत को देखते हुए उनकी सैलरी में किया जाने वाला एडजस्टमेंट है। यह सीधे तौर पर महंगाई दर और CPI डेटा पर आधारित होता है। हर छह महीने में इसमें संशोधन किया जाता है ताकि कर्मचारियों को महंगाई के असर से राहत मिल सके।

केंद्र सरकार के इस फैसले से ना सिर्फ कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, बल्कि खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी। महंगाई के मौजूदा माहौल में यह एक राहत भरा कदम है जो लाखों परिवारों की जेब में अ