Personal Loan लेने वालों के लिए बुरी खबर, बैंक बढ़ाएँगे ब्याज की दर, जानिए लेटैस्ट अपडेट 

आप पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लोन ले रहे हैं तो अधिक ब्याज भरने के लिए तैयार हो जाइए। बैंक पर्सनल लोन की ब्याज दरें जल्द ही बढ़ा सकते हैं। पर्सनल लोन का अंतर्राष्ट्रीय रेट 30 से 40 आधार अंकों तक बढ़ सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कंज्यूमर लोन पर रिस्क वेटेज बढ़ाने के बाद बैंक भी ब्याज दरों में इजाफा करने पर विचार कर रहे हैं।

 

मनीकंट्रोलकी की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के तीन बड़े बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द ही पर्सनल लोन की ब्याज दरें बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। कंज्यूमर लोन में हाउसिंग लोन, व्हीकल लोन, गोल्ड लोन और एजुकेशन लोन भी शामिल हैं। लेकिन आरबीआई ने सिर्फ पर्सनल लोन पर ब्याज बढ़ाया है। शेष पर नहीं।

एक बैंकर ने कहा कि रिस्क वेटेज बढ़ने से बैंकों को अधिक कैपिटल की जरूरत होगी। बैंक कॉस्टिंग होगी। बैंक कंज्यूमर ही इस अधिक लागत का भुगतान करेंगे। Personal loan की ब्याज दरों में बैंक 30 से 40 आधार अंकों की वृद्धि कर सकते हैं। खास बात यह है कि इस फैसले का असर सिर्फ नए लोन पर होगा; पुराने पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी बढ़ जाएंगी।

वहीं, एक अन्य बैंकर ने मनीकंट्रोल को बताया कि बैंक को पर्सनल लोन पर ब्याज बढ़ाना पड़ेगा क्योंकि उसके पास अधिक पूंजी है। बैंक लगभग 40  बीपीएस की वृद्धि करने पर विचार कर रहा है। तीसरे बैंकर ने भी ऐसे विचार व्यक्त किए। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने पहले कहा था कि बैंकों के फंड की लागत बढ़ने से ब्याज दरें प्रभावित होंगी।

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आगे बढ़ रहा है अनसिक् योर्ड लोन देश में बढ़ रहा है। आरबीआई ने रिटल लोन को लेकर पिछले कुछ समय में थोड़ा सख्त हो गया है. बैंकों की ओर से अनसिक्योर्ड लोन पर खुले हाथ से मंजूरी को देखकर, वह पिछले दिनों रिस्क वेटेज में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी। एचडीएफसी बैंक, देश का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र बैंक, ने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में अपने व्यक्तिगत ऋण पोर्टफोलियो में 15.5% की वृद्धि दर्ज की। ठीक उसी तरह, जुलाई से सितंबर तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का व्यक्तिगत ऋण पोर्टफोलियो 40% बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये और क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो 29.5 प्रतिशत बढ़कर 43,230 करोड़ रुपये हो गया।


रिस्क वेटेज क्या है?
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड है। यह कोई कॉलेटरल नहीं होने के कारण सबसे अधिक रिस्क है। डूबने का खतरा सबसे अधिक है। आरबीआई ऐसे में बैंकों से अनुरोध करता है कि अनसिक्योर्ड लोन देने के लिए अतिरिक्त रकम का बफर रखें। आरबीआई चाहता है कि जो लोन अधिक रिस्की हो, उसका वेटेज भी अधिक हो। ताकि बैंक खुले हाथ से लोन देकर लिक्विडिटी को प्रभावित न करें और धन की कमी न हो।